गत सप्ताह सर्वोच्च अदालत ने उन विचाराधीन कैदियों की रिहाई के आदेश दिए, जो उन पर लगाए गए आरोपों के लिए निर्धारित सजा की आधी अवधि पहले ही काट चुके हैं। इस निर्णय के बाद अब लगभग दो लाख कैदी जेल से मुक्त हो सकेंगे। इनमें से अधिकतर गरीब, अशिक्षित या अर्द्धशिक्षित हैं और ये बहुत मामूली अपराधों के चलते जेल की सजा काटने को मजबूर हो रहे हैं। उन्हें...
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जो कहा, उसका उल्टा कर रहे हैं- देविन्दर शर्मा
आपने इस पर जरूर ध्यान दिया होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के पहले सौ दिन का कामकाज एक बड़ी व्यावसायिक घटना में तब्दील हो गया। संभवतः यह पहला मौका है, जब बड़े मीडिया घरानों ने देशव्यापी सर्वे के लिए मार्केटिंग एजेंसियों को नियुक्त किया। सर्वे के परिणाम अखबारों के पहले पन्ने और टीवी चैनलों पर न केवल प्रकाशित-प्रसारित किए गए, बल्कि पूरे दिन सर्वे रिपोर्टों पर चर्चा...
More »'बाल विवाह बलात्कार से भी बदतर'
नयी दिल्ली: दिल्ली के अदालत ने बाल विवाह को बलात्कार से भी बदतर बुराई बताता है. अदालत ने कहा इसे समाज से पूरी तरह समाप्त होना चाहिए. कार्ट ने कम उम्र में बच्ची का विवाह करने वालों के विरुद्ध मामला दर्ज करने को कहा. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शिवानी चौहान ने लड़की के माता पिता द्वारा उसके पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताडना के मामले की सुनवाई के दौरान यह निर्देश...
More »सतशिवम- लोकपाल या राज्यपाल?- हरि जयसिंह
पूर्व प्रधान न्यायाधीश पी. सतशिवम को केरल का राज्यपाल बनाए जाने पर कई बुनियादी कानूनी और राजनीतिक मुद्दे उठे हैं, जिन पर अकादमिक दृष्टिकोण के साथ बहस की जानी चाहिए। लेकिन तब भी इसे एक ऐसे व्यक्ति की योग्यताओं के साथ न्याय नहीं किए जाने की तरह ही देखा जाएगा, जिसने यह पद पाने के लिए किसी तरह की 'लॉबिंग" नहीं की थी। अनेक क्षेत्रों से इस आशय के प्रश्न उठे...
More »खाकी वर्दी पर लग रहे दाग कौन धोएगा- सुभाषिनी सहगल अली
उत्तर प्रदेश में महिला उत्पीड़न की इतनी घटनाएं घट रही हैं कि अगर कोई छोटी-सी आशा की किरण उजागर होती है, तो उसे देखने और दिखाने की कोशिश की जानी चाहिए। न्याय की पथरीली राह में ये छोटी उपलब्धियां मील के पत्थर का काम करती हैं। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले अनगिनत हैं, पर विरोध की हिम्मत कम ही महिलाएं जुटा पाती हैं। उत्पीड़न करने वाले हर तरह से शक्तिशाली...
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