SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 10137

तक़रीबन 60 करोड़ आधार नंबर पहले ही एनपीआर से जोड़े जा चुके हैं

 इस समय इस बात को लेकर विवाद चल रहा है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को आधार के साथ जोड़ा जाएगा या नहीं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये बताया गया है कि एनपीआर को आधार नंबर के साथ जोड़ा जाएगा. लेकिन गृह मंत्रालय का ये कहना है कि किसी भी व्यक्ति को कोई भी दस्तावेज देने को मजबूर नहीं किया जाएगा. हालांकि हकीकत ये है कि एनपीआर, 2020 की प्रक्रिया शुरू...

More »

जीवन भक्षक अस्पताल-1: देश के अस्पतालों में हर एक मिनट पर एक नवजात शिशु की मौत

इस देश में जच्चा-बच्चा कैसे सुरक्षित रह सकते हैं, जब स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर अस्पताल तक लोगों को समय से उपचार नहीं मिल रहा। संस्थागत प्रसव के बाद एक भी बच्चे की मौत तक व्यवस्था पर सवाल जिंदा बना रहेगा। रोजाना जन्मने वाले कुल शिशुओं मे 50 फीसदी की हिस्सेदारी अकेले आठ ईएजी राज्य करते हैं। यहां स्थितियां बेहद जर्जर हैं। वहीं अन्य राज्यों में भी स्थिति को संतोषजनक नहीं...

More »

चावल निर्यातकों का ईरान में अटका 1,600 करोड़ रुपये, निर्यात में आई कमी

भारतीय बासमती चावल के निर्यातकों का ईरान में 1,600 करोड़ रुपये से ज्यादा अटका हुआ है, जिस कारण नए निर्यात सौदे भी सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले आठ महीनों अप्रैेल से नवंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात 5.13 फीसदी घटकर 23.63 लाख टन का ही हुआ है जबकि गैर-बासमती चावल के निर्यात में इस दौरान 37.77 फीसदी की भारी गिरावट आकर...

More »

मोटे अनाज की प्रोसेसिंग से बना सकते हैं 60 से अधिक उत्पाद

एक समय था जब दक्षिण भारत और उत्तर भारत के कई राज्यों में मोटे अनाज की खेती होती थी, लेकिन कम उत्पादन, मार्केट की समस्या से किसानों ने मोटे अनाज की खेती से मुंह मोड़ लिया। लेकिन एक बार फिर किसान इसकी खेती की तरफ लौट रहे हैं।   भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक किसानों को सावां, कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाज से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दे रहे...

More »

‘हम दर-दर भटकना नहीं चाहते, हमें बंधुआ मज़दूरी से मुक्ति मिले और हमारा पुनर्वास हो’

बंधुआ मज़दूरी प्रथा को 44 साल पहले यानी 1976 में भले ही ग़ैर-क़ानूनी घोषित किया गया हो, लेकिन अब भी रह-रहकर इसे जुड़ी ख़बरें आती ही रहती हैं. लेकिन न तो मुख्यधारा का मीडिया इन ख़बरों को जगह देता है और न ही सरकार द्वारा इन घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कोई पुख़्ता कदम उठाए जाते हैं. केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के जम्मू की राजौरी तहसील में दो ईंट-भट्ठों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close