SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1837

वेश्यावृत्ति से मुक्त हुई बच्चियों का पुनर्वास हो

नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। बाल वेश्यावृति पर गंभीर चिंता जताते हुए कोर्ट ने सरकार से उनका ठीक-ठाक पुनर्वास करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि उन्हें मुक्त करा कर गलियों में छोड़ देने से कुछ नहीं होगा। जब तक उनके पुनर्वास का ठीक-ठाक इंतजाम ना हो, सरकार उनकी शिक्षा और आश्रय का इंतजाम करे। कोर्ट ने ये टिप्पणियां बाल मजदूरी, वेश्यावृति और अंगों के व्यापार के लिए बच्चों की तस्करी की समस्या पर सुनवाई के...

More »

बाल्को दुर्घटना सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरबा शहर में भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) के बिजली संयंत्र में 23 सितम्बर को हुई चिमनी दुर्घटना को राज्य के अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी बताया है। राज्य विधानसभा में शुक्रवार को विपक्ष के नेता रवींद्र चौबे द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए श्रम मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा, ''बाल्को दुर्घटना राज्य के अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी थी लेकिन...

More »

कोसी की तबाही, सरकार की लापारवाही

पटना। बिहार के प्रधान महालेखाकार [पीएजी] ने 2008 में कोसी नदी के तटबंध टूटने के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है। तटबंधों के टूटने से आई बाढ़ ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया था और कई लोग मारे गए थे। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिहार के जल संसाधन विभाग ने संरक्षण कार्य में तत्परता में कमी दिखाई, जिसके कारण 2008 में...

More »

मौत भूख से नहीं, बीमारी से

चित्ताौड़गढ़ जिला प्रशासन द्वारा चंपाखेड़ी तहसील भदेसर के निवासी किशन सिंह की मौत के बारे में कराई गई जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि किशन सिंह की मौत भूख से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य खराब होने के कारण हुई है। चित्ताौड़गढ़ जिला कलक्टर स्वयं भी किशन सिंह के घर गए और उनके परिवारजनों से संपर्क किया। जिसमें ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया कि स्व. किशन सिंह का परिवार भूख से पीडि़त है। इससे पहले...

More »

सूचना के दायरे में आते हैं चीफ जस्टिस : हाईकोर्ट

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश का पद सूचना के अधिकार कानून के दायरे में आता है। अपने 88 पन्नों के फैसले में चीफ जस्टिस अजीत प्रकाश शाह, जस्टिस विक्रमजीत सेन और जस्टिस डा.एस.मुरलीधर की फुल बेंच ने कहा कि न्यायिक स्वतंत्रता किसी न्यायाधीश का विशेषाधिकार नहीं, बल्कि उसे सौंपी गई जिम्मेवारी है। हाईकोर्ट का यह फैसला देश के प्रधान न्यायाधीश के.जी.बालाकृष्णन के लिए एक निजी धक्के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close