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रोजगारपरक हो शिक्षा प्रणाली-- मोनिका शर्मा

अवसाद और तनाव की सौगात देने वाली हमारी शिक्षा व्यवस्था अब वाकई चिंतनीय हालात पैदा कर रही है। इस बाबत हाल ही में संसद में सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़े डराने वाले हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 8 हजार से ज्यादा छात्र आत्महत्या कर लेते हैं। इतना ही नहीं, सफलता और आगे बढ़ने की ललक और दबाव इतना है कि मनपसंद नौकरी या पेशा न...

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पहले विकास का पहिया चलाइए- तवलीन सिंह

पिछले कुछ महीनों से ऐसा लगने लगा है जैसे हर हफ्ते किसी न किसी बहाने किसी न किसी मंत्री या मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने की मांग गूंज उठती है विपक्ष से। सो, पिछले हफ्ते बारी आई वित्तमंत्री की आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से और प्रधानमंत्री को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्विटर के जरिए पागल, खतरनाक अपराधी कहा। अंगरेजी का शब्द ‘साइकोपैथ' का अनुवाद यही होता है। राज्यसभा के...

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किसान ने फांसी लगाई, हाल ही में आया था बैंक का नोटिस

भोपाल। राजधानी के रातीबड़ थाना क्षेत्र में एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान के बेटे के नाम हाल ही में बैंक का नोटिस आया है। पुलिस के मुताबिक मुगालिया छाप के एक किसान मनोहर मेवाड़ा का शव आज सुबह नौ बजे ग्रामीणों ने ग्राम भीलवाड़ा के पास एक पेड़ पर लटका देखा। किसान के बेटे हुकुमसिंह ने पुलिस को बताया कि उसके पिता रोजाना सुबह होने के पहले...

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किसानों के लिए लाएं अच्छे दिन- ज्योतिरादित्य सिधिया

हमारे देश की नींव दो लोगों के कंधे पर खड़ी है, इनमें प्रथम जवान हैं दूसरे किसान हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- जय जवान, जय किसान। वर्तमान सरकार के पिछले 18 महीने के कार्यकाल में कृषि के क्षेत्र को बहुत ही बेरहमी से कुचला गया है। कृषि भारतीय अर्थव्यस्था की रीढ़ है। न केवल जीडीपी में इसका 16 प्रतिशत का योगदान है, बल्कि लगभग 50...

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मिटे इंडिया और भारत का अंतर-- विश्वनाथ सचदेव

किसान नेता शरद जोशी ने ही पहली बार ‘इंडिया' और ‘भारत' का नारा दिया था. यह नारा देकर उन्होंने शहरी भारत व ग्रामीण भारत के अंतर को उजागर किया और इस अंतर को मिटाने की जरूरत को भी रेखांकित किया. सार्वभौम, समाजवादी पंथ-निरपेक्ष जनतांत्रिक गणतंत्र की घोषणा करनेवाले आमुख के बाद हमारे संविधान की शुरुआत जिन शब्दों से होती है, वह है ‘इंडिया जो कि भारत है.' हमारे संविधान निर्माताओं ने...

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