लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने हिमाचल एवं उत्तराखंड की तर्ज पर बुंदेलखंड को विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग दोहराई है। केंद्रीय योजना आयोग को 80 हजार करोड़ के पैकेज की याद फिर दिलाई है। कहा है कि सामरा कमेटी की संस्तुतियों के अनुरूप इस क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए 3,866 करोड़ की विशेष सहायता इसी साल दी जानी चाहिए। बुंदेलखंड में ऊर्जा, सिंचाई एवं कृषि पर केंद्रीय...
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विकसित भारत के लिए बिहार का विकास जरूरी : मुख्यमंत्री
पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गौरवशाली अतीत के बावजूद विकास के मामले में बिहार के साथ हमेशा भेदभाव होता रहा। भारत को यदि विकसित राष्ट्र बनना है तो बिहार का विकास अपरिहार्य है। मंगलवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद, डा.शकील अहमद, सांसद शिवानंद तिवारी, शत्रुघ्न सिन्हा, माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, मुचकुंद दुबे, पुलिस महानिदेशक आनंद शंकर, रजी अहमद ने...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
More »भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
More »न्याय:कितना दूर-कितना पास
खास बात • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।* • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...
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