नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए सरकार ने मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने की योजना तैयार की है। इसके तहत एक करोड़ हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन में मोटे अनाज की खेती बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सिंचाई के लिए बेशक पानी कम मिले लेकिन नई प्रौद्योगिकी और वर्णसंकर बीजों के प्रयोग से इनकी उत्पादकता बढ़ाई जाएगी। गेहूं व चावल के मुकाबले...
More »SEARCH RESULT
राशन प्रणाली दुरुस्त करें राज्य: प्रणब
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आम आदमी को महंगाई से राहत दिलाने के लिए राज्य सरकारों को अपनी राशन प्रणाली दुरुस्त करनी चाहिए। खाद्यान्न सुरक्षा की गारंटी के लिए प्रस्तावित कानून भी तभी कारगर हो पाएगा। इसमें राज्यों की जिम्मेदारी अधिक है। राज्य सभा में महंगाई पर चर्चा का जवाब देते हुए मुखर्जी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि...
More »साल के अंत तक कम होगी खाद्य मुद्रास्फीति
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति चालू वर्ष की दूसरी छमाही में कम होगी। आर्थिक वृद्धि के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद की दर 11वीं पंचवर्षीय योजना 2007-12 के दौरान 9.0 फीसदी के लक्ष्य के मुकाबले 8.1 फीसदी रहेगी। मनमोहन सिंह ने राज्यों से खेतीबाड़ी पर ज्यादा ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि महंगाई की मार...
More »अगले साल से 3 रुपये की दर से 35 किलो अनाज
नई दिल्ली। संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] की बुधवार हुई बैठक में वर्ष 2011 से सर्वाधिक गरीब जिलों में प्रत्येक परिवार को तीन रुपये प्रति किलो की दर से हर महीने 35 किलोग्राम गेंहू, चावल देने की सिफारिश की गई। साथ ही प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक का नया मसौदा तैयार करने पर भी आमराय बनी। बैठक में खाद्य सुरक्षा विधेयक को लागू करने...
More »छाप छोड़ने की भारी जद्दोजहद
नई दिल्ली. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की दूसरी बैठक में महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा एवं सांप्रदायिक हिंसा कानून ही छाए रहे। यूपीए सरकार के पिछले कार्यकाल में नरेगा व सूचना के अधिकार कानून की तर्ज पर सोनिया गांधी की अगुआई वाली सलाहकार परिषद इस बार खाद्य सुरक्षा व सांप्रदायिक हिंसा कानूनों पर अपनी छाप छोड़ने के खातिर इन्हें निर्णायक रूप देने के लिए...
More »