नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता के ‘गंभीर' स्थिति में पहुंचने के बाद सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के ज़्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों और निर्माण कार्य पर बुधवार तक के लिए रोक लगा दी. दिवाली के बाद से ही दिल्ली में उच्चतम स्तर के प्रदूषण की स्थिति है. दिवाली के अगले दिन यानी आठ नवंबर को सबसे ज्यादा...
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सीपीसीबी की रिपोर्ट में खुलासा, 39 में से सिर्फ एक जगह पर साफ है गंगा का पानी
नई दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने अपने ताजा अध्ययन में पाया है कि जिन 39 स्थानों से होकर गंगा नदी गुजरती है उनमें से सिर्फ एक स्थान पर इस साल मानसून के बाद गंगा का पानी साफ था. ‘गंगा नदी जैविक जल गुणवत्ता आकलन (2017-18)' की रिपोर्ट के अनुसार गंगा बहाव वाले 41 स्थानों में से करीब 37 पर इस वर्ष मानसून से पहले जल प्रदूषण मध्यम से...
More »नासिक के किसान संजय साठे ने PMO को लिखी चिट्ठी, प्याज की गुणवत्ता पर सरकारी की रिपोर्ट पर उठाये सवाल
मुंबई : प्याज की बिक्री के बदले में मिली बेहद मामूली कीमत दर्शाने के लिए अपनी कमाई प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजने वाले नासिक के किसान ने आरोप लगाया है कि जिला अधिकारियों ने गलत तरीके से उनकी उपज को खराब गुणवत्ता वाला बताया. नासिक जिले के निपहद तहसील के संजय साठे ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर कहा कि अधिकारियों ने प्याज की उसकी पैदावार के बारे में बिना...
More »संसदीय समिति की रिपोर्ट में खुलासा, ख़राब गुणवत्ता का खाना खाने को मजबूर हैं सीआरपीएफ के जवान
नई दिल्ली: संसदीय समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को रोजाना खानपान संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. समिति की रिपोर्ट में इस स्थिति पर नाराजगी जताई गई है. गृह मंत्रालय की स्थायी समिति की बुधवार को संसद में पेश रिपोर्ट में समिति ने सरकार को जवानों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर भोजन...
More »यहां 50 पैसा प्याज और दो रुपये किलो बिका लहसुन
नीमच : मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी सीमांत मंडी नीमच में मंगलवार को प्याज 50 पैसे किलो और लहसुन दो रुपये किलोग्राम थोक के भाव बिका. इतने कम भाव मिलने से फसल उत्पादक किसान या तो फसल वापस ले जा रहे हैं या फिर मंडी में ही छोड़ कर जा रहे हैं. गिरते दामों से किसानों को लागत तो दूर माल को मंडी में लाने तक का किराया-भाड़ा भी नहीं मिल...
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