छत्तीसगढ़ के जंगलों में एक हफ्ता गुजारकर लौटे बृजेश पांडे बता रहे हैं कि देश की सबसे बड़ी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैनात सीआरपीएफ के जवानों के मनोबल की हालत क्या है बारिश लगातार हो रही है. कभी हल्की तो कभी तेज बौछार के साथ. संभल-संभलकर चलते हुए हमें तीन घंटे हो गए हैं. यहां-वहां देखते हुए, दुश्मन की तलाश करते हुए. दुनिया के सबसे बड़े अर्धसैनिक बलों में...
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हुजूर, केससी के नाम पर मांगते हैं पैसा
खगड़िया। गुरुवार को समाहरणालय स्थित डीएम के जनता दरबार में मानसी के एक किसान ने गुहार लगाते हुए कहा कि हुजूर, मानसी के का-अपरेटिव बैंक में केसीसी वितरण के नाम पर अवैध राशि की मांग की जाती है । इस पर डीएम की अनुपस्थिति में शिकायत सुन रहे डीडीसी डीएन यादव ने कहा कि मामले की जांच कराई जायेगी। दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। वहीं,...
More »भू-कटाव: ढेला से सरबरखेड़ा, रायपुर, समेत आधा दर्जन गांवों को खतरा
बरसात में ढेला नदी के ऊफनाने से क्षेत्र के सरबरखेड़ा, गंगापुर, रायपुर, जगन्नाथपुर, बांसखेड़ा आदि में कृषि योग्य भूमि के कटाव की आशंका बनी हुई है। बीते समय में नदी ने जगह-जगह कटाव कर दिया। प्रशासन द्वारा सर्वे के बाद भी कटाव पर अंकुश की कोई कार्रवाई न करने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। दर्जनों ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर ठोस कवायद की मांग की है।विदित हो कि...
More »सामुदायिक सिंचाई से सपने लहलहाए
कुचायकोट [गोपालगंज, मनोज राय]। सवनहीं जगदीश गांव के कन्हैया सिंह, वीरेन्द्र सिंह, दुखी सिंह, महावीर सिंह और मंगल सिंह, ये पांच किसान हैं, जिन्होंने वर्ष 2001 में सामुदायिक सिंचाई की छोटी-सी पहल की थी। दस बरस में यह प्रयास कुछ यूं रंग लाया कि सामुदायिक सिंचाई अब कृषि विकास का 'माडल' बन चुका है। पैदावार भी अच्छी होने लगी और मानसून पर से निर्भरता भी घटी। सिंचाई व्यवस्था की इस...
More »कभी थे सरकार, अब मांग रहे अधिकार
सासाराम [ब्रजेश पाठक]। रोहतास पर राज करने वाले खरवार-चेरो राजाओं का इतिहास, उनकी सभ्यता व संस्कृति काफी समृद्ध रही है। नायक प्रताप धवल, बिक्रम धवल से लेकर उदयचंद ने यहां राज किया। आज उन्हीं के वंशज दाने-दाने को मोहताज होकर अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। अशिक्षा, लाचारी, भूख व बेबसी से त्रस्त अधिकांश आदिवासी एकजुट होने की रणनीति बना रहे हैं। शाहाबाद गजेटियर में रोहतास क्षेत्र के आदिम जनजातियों...
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