हैदराबाद : तेलंगाना सरकार ने कॉलेजों में दाखिले को लेकर ऐसी दलील दी है जिसकी चर्चा चारो ओर हो रही है. सरकार ने कहा है कि ‘केवल' अविवाहित महिलाएं राज्य के समाज कल्याण आवासीय डिग्री कॉलेजों में शिक्षा पाने के योग्य हैं. सरकार ने तर्क देते हुए कहा कि शादीशुदा महिलाओं के कारण अन्य का पढ़ाई से ध्यान भटक जाता है. सरकार के इस नोटिफिकेशन के बाद इसका विरोध भी शुरू...
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किसान-आत्महत्या : सबसे ज्यादा परेशान सीमांत और छोटे किसान !
मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की ! देश में खेती-किसानी का हाल कुछ ऐसा ही है. किसान-आत्महत्या के नये आंकड़े संकेत करते हैं कि बीते 2 सालों में देश में कृषि-संकट और ज्यादा गहरा हुआ है. खेतिहर मजदूर से ज्यादा किसानों की आत्महत्या एनसीआरबी की नई रिपोर्ट के मुताबिक एक साल के भीतर(2014 से 2015) किसान-आत्महत्या की संख्या में 41.7 फीसद का इजाफा हुआ है जबकि आत्महत्या करने वाले खेतिहर मजदूरों की संख्या में तकरीबन एक...
More »स्कूली शिक्षा में मामूली सुधार के संकेत पर स्थिति चिंताजनक
विद्यालयों की दशा देशव्यापी स्तर पर स्कूलों में सभी आयु वर्ग के नामांकन में बीते दो सालों में बढ़ोतरी हुई है, पर शैक्षणिक स्तर पर प्रगति असंतोषजनक है. बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में छह से 15 साल के 11.1 करोड़ बच्चों के पढ़ने की क्षमता खराब बनी हुई है. पूरे देश में स्कूली बच्चों की संख्या 25.2 करोड़ है. अगर इन चार राज्यों में शिक्षा में बेहतरी नहीं...
More »पांच राज्यों के कलेक्टर, सीईओ को दिखाने रातों-रात बना दिए शौचालय
रायपुर/धमतरी/राजनांदगांव, ब्यूरो। राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन ने छत्तीसगढ़ के सामुदायिक स्वच्छता मॉडल को बेहतर मानते हुए दूसरे राज्यों को भी इसका अध्ययन करने कहा है। सोमवार को 5 राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश व तेलंगाना के कलेक्टर, जिला पंचायत अध्यक्ष, सीईओ व स्वच्छता मिशन के अफसर राज्य के दौरे पर पहुंचे। मंगलवार को मंत्रालय में पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने इस 20 सदस्यीय दल को अभियान को सफल बताया। उपलब्धियों के सरकारी...
More »4 साल की उम्र के बच्चों से उठवाई जाती थी ईंटे, जुल्म के भट्टे से 200 मासूमों को बचाया
बचपन, जीवन के उन खुशनुमा पलों में से एक होता है जब इंसान बेफिक्रियों के बादलों में घिरा होता है। इन पलों में बाल मजदूरी करना उनके लिए एक सजा है। देश में बाल मजदूरी को रोकने के लिए ढेरों नियम-कानून बनाए गए हैं, इसके बावजूद बाल मजदूरी आंकड़ों के आंकड़ों में कमी नहीं आई है। ये ऐसा गैरकानूनी कृत्य है, जो बच्चों को बड़ों की तरह जीने पर मजूबर...
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