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इस संकट को समझना होगा-- कृष्ण कुमार

उच्च शिक्षा का दायरा जितना सीमित है, उसकी आंतरिक दुनिया उतनी ही रहस्यमय है। जनसामान्य की नजर से देखें तो कॉलेज या विश्वविद्यालय एक ऐसी जगह के रूप में दिखाई देंगे जहां बड़े लोगों के बच्चे डिग्री लेने जाते हैं। यह समझ इतनी गलत भी नहीं है, भले ही इधर के वर्षों में कॉलेज जाने वाले लड़के-लड़कियों का सामाजिक दायरा पहले की अपेक्षा कुछ फैला है। वहां डिग्री के दायरे...

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समझ, संकल्प और इच्छाशक्ति का अकाल : योगेन्द्र यादव

वो गांव गये थे..दावा है कि गांव-गांव यात्रा किये हैं..खेत-खेत, आरी-डरेड़ा सब जगह घूमें। उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि देश सूखे से बेहाल और सरकार दो साल के जश्न में निहाल है। उनका दावा है कि अभी दिल दिमाग जाग्रत है माने नहीं सूखा..भले ही खेत सूख गये हों..किसान बदहाल हो..आत्महत्या कर रहा हो। जी हां मैं बात कर रहा हूं स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव और उनके साथियों की...

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सेहत की कीमत पर विकते खाद्य-- निरंकार सिंह

पिछले दिनों मैगी विवाद ने खाने-पीने की चीजों में मिलावट के मामले को चर्चा का विषय बना दिया था। ताजा मामला डबल रोटी में खतरनाक रसायनों के मिलाने का है। बहुत सारे घरों में सुबह नाश्ते के समय खाई जाने वाली बे्रड और बेकरी के उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाले रसायनों का इस्तेमाल हो रहा है। सेंटर फार साइंस एंड इनवार्नमेंट (सीएसई) ने बे्रड, पाव, बन, बर्गर बे्रड और...

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80 करोड़ की लागत से हाईटेक होंगे छत्तीसगढ़ के सारे जलाशय

विशेष संवाददाता। नईदिल्ली। छत्तीसगढ़ के सारे जलाशय अब हाईटेक होंगे। नेशनल हाईड्रोलाजी प्रोजेक्ट के तहत केंद्र ने प्रदेश के सारे जलाशयों को हाईटेक तकनीक से लैस करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत करीब 80 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह पूरी राशि केंद्र ही देगा। इसके बाद जलाशयों से जुड़ी प्रत्येक गतिविधियों को अपने आप ही कम्प्यूटर पर दर्ज हो जाएगा। जरूरत होने पर सिस्टम अलर्ट भी जारी...

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किसानों के अनुभव : समाज को निबटना होगा सूखे से, सरकार के भरोसे नहीं

लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...

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