गरीबी: सभ्य समाज के इस सबसे बड़े अभिशाप को राष्ट्रपिता गांधी जी ने हिंसा का सबसे खराब रूप कहा। करेला उस पर नीम चढ़ा कि स्थिति यह कि गरीबों को 'गरीब' न मानना। हमारे हुक्मरानों ने गरीबों की नई परिभाषा गढ़ी है। अगर आप शहर में रहकर 32 रुपये और गांव में रहकर 26 रुपये प्रतिदिन से अधिक खर्च कर रहे हैं तो आप गरीब नहीं है। खुद को गरीब मानते...
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तमिलनाडु की कपड़ा फैक्ट्रियों में दलित लड़की का एक दिन...- (नई रिपोर्ट)
सभी लड़कियों की उम्र 11-14 साल के बीच, ज्यादतर का जन्म दलित परिवार में , जीविका के लिए जमीन नहीं, सो मां-बाप दिहाड़ी मजदूर, सर पर कर्ज का बोझ, इसलिए पढ़ाई से ज्यादा शादी और उससे भी ज्यादा दहेज की चिन्ता। और, इस सबके बीच कपड़ा तैयार करने वाली फैक्ट्रियों में खास लड़कियों की नियुक्ति की एक आकर्षक-योजना सुमंगली स्कीम। स्कीम का वादा-- अच्छा वेतन, रहने-ठहरने का पुरसुकून इंतजाम और...
More »ट्राइबल क्षेत्र में 150 और नॉन ट्राइबल में 120 रुपए दिहाड़ी
शिमला। मनरेगा योजनाओं के अंतर्गत चल रहे कार्यो में कें सरकार ने दिहाड़ी के रेट बढ़ा दिए हैं। अब मनरेगा योजनाओं में कार्यरत अकुशल श्रमिकों को ट्राइबल क्षेत्रों में 150 रुपए तथा नॉन ट्राइबल क्षेत्रों में 120 रुपए दिहाड़ी मिलेगी। प्रदेश सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों, परियोजना अधिकारियों और लाइन विभागों को मनरेगा की बढ़ी हुई दरों को लागू करने के लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। मनरेगा कार्यो के लिए पहली जनवरी...
More »पंजाब में किसानों को लेबर की किल्लत
जालंधर। राज्य के किसानों को इन दिनों लेबर की कमी से जूझना पड़ रहा है। बिहार और यूपी में मजदूरों के लिए सुविधाएं मुहैया होने के बाद पंजाब की लेबर ने अपने राज्य की तरफ रुख कर लिया है। इस समय आलू, गाजर इत्यादि की फसल तैयार है, लेकिन पुटाई के लिए लेबर नहीं मिल रही। धान के सीजन में लेबर दोगुणा दाम मांगती है। पहले प्रति एकड़ 1000 रुपए लेकर धान...
More »विस्थापन
खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
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