जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
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राहत औऱ पुनर्वास के लिए GoM पुनर्गठित
नई दिल्ली. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 15 हजार लोगों को मौत की नींद सुला देने वाली भीषण गैस त्नासदी के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की समीक्षा करने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्नी पी. चिदम्बरम की अध्यक्षता में मंत्नियों के एक समूह का आज गठन किया गया। 25 वर्ष पूर्व हुई इस गैस रिसाव घटना के समय गठित मंत्नी समूह के अध्यक्ष मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्नी अर्जुन सिंह थे। मंत्नियों का यह समूह एक गैस त्रासदी से पीड़ित परिवार...
More »यह शर्मनाक सौदा लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक है!- पी साईनाथ
हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टियों और उम्मीदवारों के द्वारा अपने प्रचार के लिए मीडिया में धन का जम कर इस्तेमाल हुआ। अपने किसी भी चुनावी कवरेज के लिए एक उम्मीदवार को धन के इस संगठित खेल का हिस्सा होना पड़ा या कहें तो जबरन मजबूरी में इसका हिस्सा होना पड़ा। क्योंकि ऐसी धन संस्कृति का मीडिया में इस्तेमाल होने लगा है कि पैसा नहीं तो कवरेज भी नहीं। मीडियाई दुनिया...
More »महंगाई के खिलाफ खोखली पहल
नई दिल्ली [घनेंद्र सिंह सरोहा]। आईपीएल, सानिया की शादी और मोदी-थरूर विवाद के बीच बीते दिनों एक खबर महंगाई पर भी आई थी। अक्सर विपक्ष कहता है कि मीडिया हमेशा बुनियादी मुद्दों को छोड़ ग्लैमरस चीजों के पीछे भागता है। तो मंहगाई पर कटौती प्रस्ताव लाने वाला विपक्ष संसद में शशि थरूर और उनकी महिला मित्र सुनंदा के बीच कौन-सा बुनियादी मुद्दा ढूंढ़ रहा है। यहा विपक्ष या मीडिया की गलतिया ढूंढ़ने का इरादा...
More »मध्यप्रदेश और राजस्थान में भुखमरी से मौत
गुजरे कुछ हफ्तों में भुखमरी से मौत की कम से कम दो खबरें आई हैं। एक खबर मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले से है और दूसरी राजस्थान के चित्तौरगढ़ जिले से। राज्य दो हैं और वहां सरकार भी दो अलग-अलग पार्टियों- बीजेपी और कांग्रेस की है लेकिन दोनों ही जगह पीडित की स्थितियां बहुत कुछ मिलती जुलती हैं। दोनों ही जगह पीडित परिवार अपने गांव के सर्वाधिक दरिद्र परिवारों में से एक है लेकिन दोनों...
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