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2017 में हिंसा से भारतीय अर्थव्यवस्था को 80 लाख करोड़ का नुकसान

नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था को क्रय शक्ति क्षमता (पीपीपी) के संदर्भ में हिंसा के कारण पिछले साल देश को 1,190 अरब डॉलर यानी करीब 80 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। यह नुकसान प्रति व्यक्ति के हिसाब से करीब 595.40 डॉलर यानी 40 हजार रुपए से अधिक है। गैर सरकारी संगठन इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने 163 देशों एवं क्षेत्रों का अध्ययन करने के बाद यह...

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अब तो थमे रुपए की फिसलन - डॉ. भरत झुनझुनवाला

पिछले दो साल से रुपए का मूल्य लगभग 64 रुपए प्रति डॉलर पर स्थिर रहा है, लेकिन पिछले दो महीनों में यह फिसलकर 68 के स्तर पर पहुंच गया है। यानी डॉलर के सामने रुपया कमजोर हो गया है। जैसे एक डॉलर के बदले पहले यदि 64 पेंसिल मिलती थीं, तो अब 68 मिलने लगी हैं। इसका अर्थ हुआ कि पेंसिल का मूल्य कम हो गया है। विश्लेषकों का मानना...

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रुपया कमजोर होने के कारण-- संदीप बामजई

विदेशी निवेशक जब अपना रुपया भारतीय बाजार से निकालते हैं, तो डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत कम हो जाती है. पिछले एक माह में विदेशी निवेशकों ने दो बिलियन डॉलर से अधिक रकम भारतीय शेयर बाजार से निकाल लिया है. नतीजन, डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत में गिरावट तय है. इसका दूसरा समानांतर पहलू यह है कि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत लगातार बढ़ती...

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रुपया संभालने में सक्षम आरबीआई-- राजीव रंजन झा

सोमवार को कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय भावों में आयी उछाल और उसके साथ ही डॉलर की मजबूती ने भारतीय रुपये पर दोहरा वार किया और रुपया डॉलर की तुलना में 67 के स्तर के नीचे चला गया, यानी एक डॉलर की कीमत 67 रुपये से ज्यादा हो गयी. यह करीब डेढ़ साल में रुपये का सबसे कमजोर स्तर है. लोगों ने आशंका जतायी कि आनेवाले दिनों में डॉलर का भाव...

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बैंकिंग व्यवस्था में सुधार जरूरी-- अश्विनी महाजन

पिछले दिनों खबर आयी कि बीते पांच साल के दौरान भारत में 23 हजार बैंक धोखाधड़ियां हुईं, जिसके चलते एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि फंस गयी है. निश्चित रूप से इसका असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और बैंकिंग व्यवस्था पर तो यह असर दिख भी रहा है. आज बैंक ही वित्तीय मध्यस्थता का स्रोत हैं. ऐसे लोग जिनके पास अतिरिक्त पैसा होता है, चाहे वे गृहस्थ हों,...

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