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खूबसूरत दिल्ली की बदरंग हकीकत

नई दिल्ली [श्रीपाल जैन]। अक्टूबर 2010 में कामनवेल्थ गेम्स के आयोजन की कामयाबी के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार सिंगापुर और पेरिस की तर्ज पर दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने में जुटी हुई हैं। जगह-जगह फ्लाई ओवर, सब-वे, फुट ब्रिज, जल निकासी लाइन, पार्किग स्थल, मेट्रो लाइन, सड़कों को चौड़ा एवं बेहतर बनाने के कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। इससे दिल्ली के आम बाशिंदों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं...

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उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों को धन दे केंद्र

पटना। आंतरिक सुरक्षा के मसले पर दिल्ली में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की ओर से बुलाए गए मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि उग्रवाद प्रभावित सभी पंचायतों में प्रत्यर्पण एवं पुनर्वास कार्यक्रम चलाने के लिए केंद्र सरकार बिहार को अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में वामपंथी उग्रवाद नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि उग्रवाद प्रभावित आठ जिलों के 65 पंचायतों में प्रत्यर्पण एवं पुनर्वास नीति लागू की...

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चार सौ भूमिहीनों को मिलेगा कृषि भूमि का पट्टा

लखनऊ, 12 जनवरी: मुख्यमंत्री मायावती के जन्मदिवस पर राजधानी के चार सौ भूमिहीनों को कृषि भूमि का पट्टा दिये जाने की तैयारी की गयी है। इसके तहत प्रत्येक तहसील क्षेत्र में 100 लोगों का लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह शिविर कानपुर रोड स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल में लगेगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मायावती के भी उपस्थित रहने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो गरीबों व अनुसूचित जाति को कृषि भूमि...

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सम्पूर्ण स्वच्छता व लोहिया स्वच्छता अभियान लक्ष्य से दूर

नालंदा यदि जिले में चलायी जा रही स्वच्छता अभियानों की गति यही रही तो वर्ष 2012 तक सभी घरों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराना नामुमकिन होगा। खुले में शौच को रोकने के लिए सालभर पहले मुख्यमंत्री ने राजगीर से जिस तामझाम के साथ लोहिया स्वच्छता योजना की शुरूआत की थी, उसका भी यहां हश्र अच्छा नहीं दिख रहा है। कहीं-कहीं जागरूकता के अभाव में लोग खुले में शौच की प्रवृत्ति को नहीं त्याग रहे...

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निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...

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