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नेशनल हाइवे पर छोटे ढाबों के रास्ते बंद, बड़ी प्राइवेट कंपनियों के खुले द्वार!

-गांव सवेरा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नए नियमों के अनुसार किसी भी नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर बने पेट्रोल पंप, ढाबा, रेस्टोरेंट, कनैक्टिंग रोड़ या फिर किसी भी तरह की अन्य प्राइवेट प्रोप्रटी के लिए एनएचएआई (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से अनुमति लेनी होगी. जिसके लिए ढाबा मालिकों को फीस के तौर पर सरकार को एक मोटी रकम देनी होगी.    26 जून 2020 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग...

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मिर्ज़ापुर: यूपी में मुकदमे बने हथियार!, सियासत गरमाई

-न्यूजक्लिक, उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले में योगी सरकार के निर्देश पर पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी, उनके पिता पूर्व एमएलसी राजेशपति त्रिपाठी और हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश गिरधर मालवीय समेत 42 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के बाद पूर्वांचल की सियासत गरमा गई है। इन पर भारतीय दंड विधान की धारा-419, 420, 467, 468 और 471 के तहत धोखाधड़ी,  बेईमानी और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप हैं। मिर्ज़ापुर के...

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कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-6: उत्तर प्रदेश के कई गांवों में एक भी ग्रामीण को नहीं मिला काम

-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 महामारी के पहले दौर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने ग्रामीणों को बहुत सहारा दिया। सरकार ने भी खुल कर खर्च किया। लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर में मनरेगा ग्रामीणों के लिए कितनी फायदेमंद रही, यह जानने के लिए डाउन टू अर्थ ने देश के पांच सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राज्यों में मनरेगा की जमीनी वस्तुस्थिति की विस्तृत पड़ताल की है। इस कड़ी की...

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गलवन टकराव वर्षगांठ: गफलतों से सीखने का वक्त

-आउटलुक, “गलवन घाटी में हुई गफलतों के सबक अल्पकालिक राजनैतिक फायदे की खातिर दफन करना मुनासिब नहीं” लद्दाख में जून 2020 में विवादास्पद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की सैन्य कार्रवाइयों से भारत ‘हैरान’ रह गया था। दोनों तरफ जवानों को जान गंवानी पड़ी। दोनों देशों के पहले से तनावपूर्ण रिश्ते और खराब हो गए और सैन्य टकराव के काले बादल घुमड़ने लगे। उस घटना के साल भर बाद भी रणनीतिक...

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स्वान रिपोर्ट: कोविड-19 की दूसरी लहर में भी प्रवासी मजदूर बेरोजगारी, कर्ज, भुखमरी और अनेकों अनिश्चितताओं में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हुए!

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के रूप में, देश के लगभग 92 प्रतिशत श्रमिक (जिनके पास सामाजिक सुरक्षा जाल तक पहुंच नहीं है) एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. एक साल से भी कम समय में लगातार दूसरी बार देश में लॉकडाउन हुआ है. 20 अप्रैल, 2021 को, देश भर के 10 राज्यों में आंशिक लॉकडाउन और दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया. 8 मई, 2021...

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