-मीडियाविजिल, कोविड-19 बीमारी को विश्व भर में फैलाकर महामारी बनाने में धार्मिक आयोजनों और धार्मिक यात्राओं की ख़तरनाक भूमिका दिखाई देती है। इसकी एक वजह ये है कि दूसरे आयोजन और समारोह में वर्गीय चरित्र ज्यों का त्यों (वर्गभेद) बने रहने के चलते वर्गीय दूरी बनी रहती है। जबकि धार्मिक आयोजनों में वर्ग भेद टूट जाता है। धार्मिक आयोजनों और धार्मिक यात्राओं में हर तरह के सामाजिक आर्थिक वर्ग के लोग...
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कोरोना वायरस के बारे में कितना जानते हैं आप और क्या जानना है जरूरी!
-गांव कनेक्शन, नोवेल कोरोना वायरस के बारे में कई तरह की बातें सोशल मीडिया, वाट्सऐप और इंटरनेट के माध्यम से फैल रही हैं। इनमें से कुछ सही हैं, तो बहुत-सी बातें बिल्कुल निराधार हैं। ऐसे समय में जब कोरोना वायरस महामारी बनकर दुनियाभर में हजारों लोगों की जान ले चुका है, तो इससे जुड़े कुछ अनिवार्य पहलुओं के बारे में जानना जरूरी है। संक्रमण: वायरस गले और फेफड़ों में उपकला (epithelial) कोशिकाओं को...
More »कोरोना: महामारी के दौर में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी ज़रूरी है
- द वायर, किसी वैश्विक महामारी का मनोवैज्ञानिक परिणाम सामाजिक ताने-बाने पर भी असर डालता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के पहले महानिदेशक ब्रॉक चिशहोम, जो कि एक मनोरोग चिकित्सक भी थे, की प्रसिद्ध उक्ति है : ‘बगैर मानसिक स्वास्थ्य के, सच्चा शारीरिक स्वास्थ्य नहीं हो सकता है.’ उनके ये शब्द इस विचार का समर्थन करते हैं. सालों के रिसर्च के बाद इस बात को लेकर कोई शक नहीं रह गया है कि...
More »एक ही दिन में 110 नए मामले, भारत में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा 800 पार हुआ
-सत्याग्रह, शुक्रवार को भारत में कोरोना वायरस संक्रमण यानी कोविड-19 के मरीजों की संख्या में अब तक की सबसे तेज बढ़ोतरी दर्ज हुई. 24 घंटे में ही इस बीमारी के 110 मामले सामने आ गए. इसके साथ ही कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों का आंकड़ा 834 हो गया है. 19 लोग इसके चलते दम तोड़ चुके हैं. जानकारों का मानना है कि अब भारत में इस बीमारी का तीसरा चरण शुरू...
More »कोरोना वायरस, सर्विलांस राज और राष्ट्रवादी अलगाव के ख़तरे
-न्यूजलॉन्ड्री, दुनिया भर के इंसानों के सामने एक बड़ा संकट है. हमारी पीढ़ी का शायद यह सबसे बड़ा संकट है. आने वाले कुछ दिनों और सप्ताहों में लोग और सरकारें जो फ़ैसले करेंगी, उनके असर से दुनिया का हुलिया आने वाले सालों में बदल जाएगा. ये बदलाव सिर्फ़ स्वास्थ्य सेवा में ही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था, राजनीति और संस्कृति में भी होंगे. हमें तेज़ी से निर्णायक फ़ैसले करने होंगे. हमें अपने फ़ैसलों...
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