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दलितों के ख़िलाफ़ अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर: रिपोर्ट

नई दिल्ली: मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया ने मंगलवार को जारी नई रिपोर्ट में बताया है कि 2018 में देश में हाशिये के लोगों, खासतौर पर दलितों के ख़िलाफ़ घृणा अपराध (हेट क्राइम) के कथित तौर पर 200 से ज़्यादा मामले सामने आए. इस तरह की घटनाओं में उत्तर प्रदेश लगातार तीसरे साल शीर्ष पर है. एमनेस्टी इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर रिकॉर्ड जारी करते हुए कहा कि घृणा अपराध के मामले...

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क्या राष्ट्र की चिंताओं और विमर्श से आदिवासियों को अधिकारिक तौर पर बाहर कर दिया गया है?- ईश्वर सिंह दोस्त

तेईस लाख से ज्यादा आदिवासियों के सिर पर हफ्ते भर से टंगी बेदखली की तलवार चार महीनों के लिए हटा ली गई है. जिस सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह टंगी थी उसी ने इसे फिलवक्त किनारे कर दिया. केंद्र सरकार इस मामले की पिछली चार सुनवाइयों से रहस्यमय ढंग से गायब थी. मगर चुनाव के ऐन पहले आदिवासियों को उजाड़ने से उनके वोटों से भी बेदखल होने की संभावना को...

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स्वच्छ चुनाव के विभिन्न आयाम- अजीत रानाडे

हाल में सुप्रीम कोर्ट ने वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें ‘अपराधी' उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी थी. याचिकाकर्ता का तात्पर्य ऐसे उम्मीदवारों से था, जिन पर हत्या, हत्या की कोशिश, भयादोहन, बलात्कार, अपहरण या गबन के अभियोग लगे हैं, पर अभी उन्हें उक्त अपराध में दोषसिद्ध करार न दिया गया हो. चूंकि न्यायिक प्रक्रिया दशकों लंबी खिंच सकती है और जब तक...

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यूरोपीय सांसदों ने भारत सरकार से कहा, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई बंद करें

नई दिल्ली: यूरोपीय संसद के बीस सदस्यों ने भारत सरकार और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को पत्र लिखकर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की है. सांसदों ने भारत से आग्रह किया है कि वह अपने यहां नागरिक समाज कार्यकर्ताओं के लिए खुला माहौल बनाए. सांसदों ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के संदर्भ में कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद, जनजातीय मामलों के मंत्री जुअल ओराम और सामाजिक न्याय और अधिकारिता...

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देश में आदिवासियों की बस्तियां उजाड़ने की मानसिकता पर कब लगाम लगेगी?

एक तरफ विकास के नाम पर मैदानी इलाकों के जंगल खेत में बदलते गए, सड़क, बांध, और रेल लाइन बिछती गई. इसके लिए आदिवासी इलाकों से बेतहाशा संसाधन भी छीने जाते रहे. पिछली दो सदी से चली आ रही विकास की इस सोच ने पानी, हवा सबको मानव जीवन के लिए नुकसानदायक हद तक दूषित कर दिया. दूसरी तरफ, इसकी भरपाई के लिए पर्यावरण के नाम में आदिवासियों की बस्तियां, घर...

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