लखनउ: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्रीय करों से मिलने वाले राजस्व में राज्यों का हिस्सा 32 से बढकर 42 प्रतिशत कर दिये जाने के बाद उनके पास पैसे की कमी नहीं है और उन्हें बेमौसम बारिश से पीडित किसानों की तत्काल और उदारतापूर्वक सहायता देनी चाहिए. सिंह ने आज एक बैंक शाखा के उद्घाटन समारोह के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों को...
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किसानों को राहत पहुंचाने में भी आड़े आ रही 'आपदाएं'- अजीत बिसारिया
बेमौसम बारिश और ओलों की मार से त्रस्त किसानों तक मुआवजा राशि पहुंचाने में भी कई तरह की ‘आपदाएं' सामने आ रही हैं। कहीं चेक कम पड़ गए हैं तो कहीं अफसरों-कर्मचारियों के अपनी जगह से न हिलने के चलते सर्वे ठीक से नहीं हो पा रहा है। स्थिति यह है कि किसान त्राहिमाम कर रहे हैं और जिलों का प्रशासन 25 मार्च तक उनके यहां भेज दी गई राशि का...
More »एक किसान का दर्द, आंखों में चुभी बर्बाद फसल तो लगा दी आग
बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान का सबसे ज्यादा खामियाजा इस बार अगर किसी उठाना पड़ा है तो वो किसान हैं। जिनकी बर्बाद फसलों ने उन्हें इसकदर तोड़ दिया कि वह खुद को संभालने में ही असफल होते जा रहे हैं। शायद इसीलिए देश के अलग-अलग हिस्सों से किसानों के आत्म हत्या की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में एक किसान ऐसा भी मिला जो अपनी बर्बाद फसलों को देखकर ऐसा दुखी...
More »ज्यादा बच्चों की वजह से मर रहे हैं किसान, बोले कलेक्टर
बेमौसम बरसात से देशभर के किसानों की फसल तबाह हुई है। गरीबी से जूझ रहे हजारों किसान फसल की बर्बादी और अपनी तबाही बर्दास्त नहीं कर पा रहे हैं। कोई जीवन की आशा छोड़ मौत को गले लगा रहा है तो कोई सदमें से आकर दम तोड़ रहा है लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो किसानों की आत्महत्या पर बेतुके बयान देने में भी नहीं हिचक रहे। मध्य प्रदेश के भिंड...
More »पानी में पैसा: 537 करोड़ की योजना, 100 करोड़ खर्च, नतीजा 0
टना: गरमी में पेय जल संकट से शहरवासियों को निजात दिलाने के लिए 2010 में 420 करोड़ रुपये की जलापूर्ति योजना बनी. योजना पूरी नहीं हुई. 2012 में योजना लागत बढ़ कर 537 करोड़ हो गयी. तीन वर्ष बाद भी स्थिति वैसी ही है. शहरवासी फिर इस बार गरमी में जल संकट से जूङोंगे. वजह निगम क्षेत्र की 14 बोरिंग ठप है और नयी जलापूर्ति योजना अधर में है. निगम...
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