गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...
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आखिर कब पूरा होगा बाल मजदूर मुक्त समाज का सपना
नई दिल्ली। एक मई देश की उत्साहजनक विकास दर और शहरीकरण के बीच लाखों बच्चे अपने बचपन को भूल दयनीय स्थिति में मजदूरी करने को विवश हो रहे है। कई गैर सरकारी संगठन इस काम में जुटे हुए है कि बाल मजदूरी से देश व समाज को जल्द से जल्द मुक्त किया जा सकें। तमाम सरकारी नीतियों और गैर सरकारी प्रयासों के बावजूद बाल मजदूरों की संख्या में इजाफा होता...
More »विश्व बैंक या अमेरिका बैंक? : केविन रैफर्टी
जो हुआ, वह अप्रत्याशित नहीं था। चिकित्सक, मानवविज्ञानी और डार्टमाउथ कॉलेज के संचालक डॉ जिम योंग किम को रॉबर्ट जोएलिक के उत्तराधिकारी के रूप में विश्व बैंक का नया अध्यक्ष चुन लिया गया। लेकिन क्या इस पद के लिए किम का चयन उचित था? अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने किम को अध्यक्ष बनवाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन क्या किम स्वयं ओबामा के ‘येस वी कैन’ के परिवर्तनकामी आदर्शो...
More »छुआछूत अब भी जारी है....
अनदेखी और उपेक्षा के बीच छुआछूत का बरताव जारी है और देश में अस्पृश्यता की समस्या मौजूद है। यह लाखों लोगों के लिए उम्र भर दुःख और अपमान के बीच रहने और जीने का मामला है। इसकी कल्पना बरतर सामाजिक हालातों में जीने वाले नहीं कर सकते लेकिन जैसा कि गुजरे 14 अप्रैल, 2012 से शुरु हुए अनुच्छेद 17 अभियान के अंतर्गत इंडिया अनहर्ड द्वारा जारी 22 छोटे और आसानी...
More »जल के निजीकरण के खतरे-निरंकार सिंह
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने यह कहकर चौंका दिया है कि सरकार पानी के निजीकरण पर विचार कर रही है। राष्ट्रीय जल नीति इस माह के अंत तक घोषित कर दी जाएगी। बंसल के मुताबिक जल संसाधन मंत्रालय ने जल नीति का मसौदा कई माह पहले तैयार कर लिया था। इस बारे में लगातार विशेषज्ञों और संबंधित लोगों से चर्चा हो रही है। नीति का जो मसौदा...
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