गर्भावस्था या प्रसवकालीन जटिलताओं के काऱण विश्व में सालाना जितनी महिलाओं की मृत्यु होती है उसमें दो तिहाई महिलाओं सिर्फ दस राष्ट्रों की हैं।केवल भारत और नाइजर को ही एक साथ मिलाकर देखें तो यहां गर्भावस्था या प्रसवकालीन जटिलताओं के कारण मरने वाली महिलाओं की संख्या विश्व-संख्या की एक तिहाई है।।यूनिसेफ द्वार हाल ही में जारी स्टेट ऑव वर्ल्डस् चिल्ड्रेन 2009 नामक एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक...
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..तो ठहर जाएगी पॉपुलेशन
हम तेजी से बदल रहे हैं। फैशन, स्टाइल के साथ हमारी लाइफस्टाइल और खानपान का ढंग भी बदल गया। इन चेंजेंज को भले ही प्रोग्रेस का सिंबल माना जा रहा हो पर सच यह भी है कि इनकी हमें भारी कीमत चुकानी पड़ी है। रोजाना, पैदा हो रही हैं अनजानी, अनसुनी बीमारियां। इससे बढ़कर अब तो सिचुएशन यहां तक खराब हो गई है कि इंसान की बच्चे पैदा करने की...
More »किसानों के चार अरब बिजली कंपनी की जेब में
भोपाल। रबी की फसल की सिंचाई के लिए प्रदेश भर के किसानों ने बिजली कंपनियों को टेम्परेरी कनेक्शन के रूप में जो चार अरब रुपए जमा किए थे, किसान अब वह पैसा बिजली कंपनियों से वापस मांग रहे हैं। किसानों का तर्क है कि बरसात की वजह से जब वे बिजली का उपभोग ही नहीं करेंगे तो फिर उनका जमा पैसा वापस किया जाए। भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत के...
More »चिराग तले अंधेरा....
अधिकारों की हिफाजत में कानून बनाना एक बात है और सच्चाई की जमीन पर उतार पाना एकदम दूसरी बात।देश की राजधानी दिल्ली को ही देखें। एक तरफ तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार को साकार करने के लिए कानून अमल में आ गया है दूसरी तऱफ देश की राजधानी दिल्ली में में कामगार तबके की आबादी वाले कॉलोनियों में बच्चे नियमित पढ़ाई लिखाई से वंचित हो रहे हैं। दिल्ली में रोजमर्रा की...
More »सुहागिन की तरह इठला रहीं सब्जियां
धनबाद। रसोई में लगी महंगाई की आग को अब मैडम सीजनली सब्जियों की खरीददारी से ठंडक पहुंचाने का प्रयास करने लगी हैं। ज्यों-ज्यों मौसम में गुलाबी ठंड का एहसास हो रहा है वैसे-वैसे कोयलांचल के हाट बाजारों में नई सब्जियों ने भी दस्तक देना शुरू कर दी है। नई फसल के आलू की दस्तक मात्र से पुराने आलू के भाव औकात में आने शुरू हो गये हैं। झरिया के थोक...
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