बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश के जिन इलाकों में मधुमक्खी की बहुतायत है, और जहां ये परागण करती हैं, वहां के किसान संपन्नता में अन्य क्षेत्रों के कृषकों से बहुत आगे हैं। क्षेत्र विशेष के लिए मधुमक्खी खुशहाली और संपन्नता का पर्याय बन गई है। मधुमक्खी की परागण और शुद्धता पर जारी शोध के प्रारंभिक नतीजे बताते हैं कि जिस क्षेत्र विशेष में मधुमक्खियों का बसेरा है, वहां फसल का उत्पादन अन्य...
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मप्र के शहडोल संभाग में पहली बार होगी अनार की खेती
शहडोल(मध्यप्रदेश)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का जॉब कार्ड लेकर मेहनत मजदूरी करने वाली महिलाएं पर्यावरण के लिए अब अनार की खेती करेंगी। यह खेती इसी साल से शहडोल सहित प्रदेश के सागर, ग्वालियर और चंबल संभाग में शुरू हो रही है। इसके लिए उद्यानिकी विभाग और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद ये अधिकारी-कर्मचारी मैदान में उतरेंगे और जॉब कार्डधारी...
More »नाबार्ड सिंचाई सुविधाओं में सुधार के लिए देगा 30 हजार करोड़ के लोन
मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र के राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने अगले 3 वर्षों के दौरान किसानों को सिंचाई सुविधाओं में सुधार के लिए 30 हजार करोड़ रुपए का लोन देने का लक्ष्य रखा है। नाबार्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि कृषि व ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान देने वाली संस्था इस साल अब तक 1,000 करोड़ रुपए के लोन की मंजूरी पहले ही दे चुकी...
More »रिजेक्ट धान में लेबल व फर्जी सील लगा बड़े घोटाले को दिया अंजाम
अंबिकापुर (निप्र)। सरगुजा संभाग में एक करोड़ का रिजेक्ट धान किसानों को बांटने का मामला सामने आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। खबर रोकने और मामले की लीपापोती में संबंधित अधिकारी लग गए हैं। राजपुर गेऊर बीज प्रक्रिया प्रभारी डीपी पाठक से जब मामले की जानकारी चाही गई तो उन्होंने यह कहते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया कि वे अभी जिले से बाहर हैं। उन्होंने नईदुनिया से...
More »पानी का संकट पहल का इंतजार
उत्तर भारत, खासकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की धरती के नीचे का जल-स्तर गिरता जा रहा है। नासा की हालिया रिपोर्ट में इस बात की तस्दीक की गई है कि बढ़ते शहरीकरण और सिंचाई पर ज्यादा निर्भरता के कारण भारत गंभीर जल संकट की तरफ बढ़ चला है। जिंदगी के लिए जरूरी जल-संसाधन के गहराते संकट पर संजय शर्मा की प्रस्तुति कुएं भले ही अतीत की चीज हो गए हैं, लेकिन...
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