जनसत्ता 8 मार्च, 2013: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तीकरण की बात करना फैशन नहीं, जरूरत है। इक्कीसवीं शताब्दी में भी महिलाएं संविधान-प्रदत्त मूलभूत अधिकारों को पाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। यह जद्दोजहद नई नहीं, सहस्राब्दियों पुरानी है। मानव-सभ्यता जब पृथ्वी पर पनपने लगी तो पुरुष ने अपनी शारीरिक सामर्थ्य का फायदा उठाते हुए पहला अधिकार स्त्री पर जताया था। महिलाओं के शोषण की कहानी वहीं से शुरू हो...
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पुलिस बर्बरता पर केंद्र व सभी राज्यों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
नई दिल्ली। पुलिस बर्बरता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र, सभी राज्य सरकारों व सभी राज्यों के डीजीपी को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पुलिस बर्बरता की तुलना जानवरों से किए जाने वाले व्यवहार से की है। कोर्ट ने राज्य सरकारों से पूछा है कि प्रकाश सिंह कमेटी द्वारा सुझाए गए पुलिस व्यवस्था में सुधार को लेकर क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट ने पंजाब और बिहार के डीजीपी को...
More »हाशिये का समाज और राज- हरिराम मीणा
जनसत्ता 11 मार्च, 2013: किसी भी राष्ट्र-समाज के उन घटकों के सम्मिलित समाज को हाशिये का समाज कहा गया है, जो अगुआ तबके की तुलना में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्तर पर किन्हीं कारणों से पीछे रह गया है। इस सामान्यीकृत परिभाषा को विस्तार से समझने से पहले हाशिये शब्द पर थोड़ा विचार करना जरूरी है। किसी पृष्ठ में हस्तलेखन या टंकण करने से पूर्व शीर्ष पर और मुख्य रूप से बार्इं ओर...
More »आधी आबादी का पूरा हक ।।किरन राव।।
सिर्फ महिला दिवस आने पर ही महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा क्यों की जाती है? जेंडर पूर्वाग्रह का यह सबसे बड़ा कारण है. जरूरी है कि हम पूरे साल महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा करें और उनको प्रोत्साहित करें. क्यों किसी महिला का नाम तब तक हमारी जुबान पर नहीं आता, जब तक वह बड़ा कीर्तिमान स्थापित नहीं कर लेती. मेरीकॉम बिल्कुल विपरीत परिस्थिति में खुद को तैयार करती हैं, लेकिन लोग...
More »पढ़ें महिलाओं की सफलता की 30 दमदार कहानियां
उजाला सूरज होने की ज़मानत है। दुनिया है, तो स्त्री की पूरी प्रबलता से मौजूदगी को साबित करना ज़रूरी नहीं। हर रूप, हर रिश्ते में असल शक्ति के तौर पर वही मौजूद है। विश्व का आर्थिक मेरूदंड वही थी। अब स्वीकारा जा रहा है। उसके लिए कोई काम मुश्किल नहीं, यह पहले भी सच था, अब उसने प्रमाण के साथ पेश भी कर दिया है। हर पद, हर शिखर, हर क्षेत्र विजित...
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