भारतीय रेलवे विश्व के विशालतम रेलवे तंत्रों में से एक है। इतने विस्तृत तंत्र पर आए दिन रेल दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। हालांकि आंकड़ों के अनुसार यात्रियों की संख्या, तंत्र के विस्तार तथा रेल यातायात को देखते हुए भारतीय रेल एक अपेक्षाकृत सुरक्षित तंत्र है, जहां पर हताहतों की संख्या की दर 0.01 यात्री प्रति दस लाख किलोमीटर है। परंतु एक भी बड़ी दुर्घटना होने पर दक्षता के सारे...
More »SEARCH RESULT
फल व सब्जियों की बर्बादी बड़ी चुनौती
नयी दिल्ली: एक ओर जहां फलों और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश में बड़े पैमाने पर फल और सब्जियां बर्बाद हो रही हैं. केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में बताया कि देश में 18 फीसदी फल व 12 फीसदी सब्जियां बर्बाद हो रही हैं.क्योंकि देश में भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं का अभाव है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर ने सदन में प्रश्नोत्तर काल के...
More »सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मप्र में शैक्षणिक ट्रिब्यूनल नहीं बने
ग्वालियर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 2 साल बाद भी प्रदेश में स्कूली शिक्षा और शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के लिए आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल स्थापित नहीं किए जाने पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने शहर के सनातन धर्म मंडल शिक्षा समिति ग्वालियर द्वारा एक विधवा शिक्षिका को बिना किसी कारण के अचानक नौकरी से हटा दिए जाने का मुकदमा उस तक पहुंचने पर इस मामले में संज्ञान...
More »छत पर लगा लिया 15 एकड़ के लिए धान का थरहा
पामगढ़ (जांजगीर चांपा, छत्तीसगढ़)। झूलन पचरी का एक प्रगतिशील किसान जमीन छोड़कर घर की छत पर 15 एकड़ खेत के लिए धान का थरहा लगाया है। खेत में जानवरों के चराई से तंग आकर उसने यह तरीका निकाला है। झूलन पचरी निवासी किसान बलेसर डहरिया मजदूर की समस्या के चलते कृषि विभाग के मार्गदर्शन में वर्ष 2011 पेडी ट्रांसप्लांटर (धान रोपाई) अनुदान में प्राप्त कर 50 एकड़ स्वयं का तथा...
More »छत पर लगा लिया 15 एकड़ के लिए धान का थरहा
पामगढ़ (जांजगीर चांपा, छत्तीसगढ़)। झूलन पचरी का एक प्रगतिशील किसान जमीन छोड़कर घर की छत पर 15 एकड़ खेत के लिए धान का थरहा लगाया है। खेत में जानवरों के चराई से तंग आकर उसने यह तरीका निकाला है। झूलन पचरी निवासी किसान बलेसर डहरिया मजदूर की समस्या के चलते कृषि विभाग के मार्गदर्शन में वर्ष 2011 पेडी ट्रांसप्लांटर (धान रोपाई) अनुदान में प्राप्त कर 50 एकड़ स्वयं का तथा...
More »