SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 214

सदमे में किसान: फिर गईं तीन जान,

बेगमगंज/विदिशा. कर्ज के बोझ में दबे किसान लगातार मर रहे हैं और सरकार सिर्फ जांच का हवाला देती जा रही है। शनिवार को तीन किसानों की फिर जान चली गई। प्रदेश में दो दिन में छह किसानों की मौत हो चुकी है, वहीं एक महिला ने भी आत्महत्या का प्रयास किया था। रायसेन जिले में दो किसान फसल बर्बाद होने का सदमा नहीं झेल सके। बताया जाता है उनपर बैंक और...

More »

किसानों का 18 से प्रदर्शन का ऐलान

अम्बाला. इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) के लिए प्रस्तावित 1852 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के फैसले पर सीएम ने 22 दिसंबर को किसानों को पुनर्विचार का आश्वासन दिया था। मगर उसके बाद कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिलने से खफा किसानों ने अब 18 जनवरी से जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान कर दिया है। पहले हफ्ते धरना शांतिपूर्ण रहेगा। उसके बाद भूख हड़ताल, जाम व पुतले जलाने के कार्यक्रम...

More »

किसान आंदोलनः भागू के साथी की हालत बिगड़ी

फतेहाबाद. गोरखपुर के धरनारत किसान रामकुमार को रविवार को अस्पताल में दोबारा भर्ती होना पड़ा। तीन दिन से उपचाराधीन रामकुमार को रविवार सुबह ही चिकित्सकों ने छुट्टी दी थी जिसके बाद वह सीधा धरने पर जा बैठा। दोपहर बाद उसकी हालत पुन: बिगड़ गई, उसे पुन: अस्पताल में भर्ती करवाया गया। चिकित्सकों के अनुसार उसे इस ठंड में आराम करने की सलाह दी गई थी मगर रामकुमार ने चिकित्सकों की...

More »

नर्मदा का नाद -- मेधा पाटकर

विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक नर्मदा घाटी आज भी समृद्ध प्रकृति के लिए मशहूर है. घाटी में नदी किनारे पीढ़ियों से बसे हुए आदिवासी तथा किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार और कारीगर समाज प्राकृतिक संसाधनों के साथ मेहनत पर जीते आए हैं. इन्हीं पर सरदार सरोवर के साथ 30 बड़े बांधों के जरिये हो रहे आक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ जन संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले 25...

More »

राजनैतिक मर्यादा की प्रतिमूर्ति-योगेंद्र यादव

सुरेंद्र  मोहन जी की चिता जलती देखकर फ़िर एक बार मन में विचार आया. इंडिया गेट पर ’अमर जवान ज्योति’ की तरह देश में कहीं-न-कहीं एक गुमनाम राजनैतिक कार्यकर्ता का स्मारक भी बनना चाहिए. बदन पर सादा, बिना प्रेस किया कुर्ता-पाजामा, पैर में रबड़ की चप्पल, कंधे पर झोला और आंखों में चमक. मूर्ति के नीचे लिखा जा सकता है ‘पूर्णकालिक राजनैतिक कार्यकर्ता’. जैसे सुरेंद्र मोहन जी थे.और कुछ नहीं तो...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close