अंबिकापुर (ब्यूरो)। सरगुजा जिले के खजुरी निवासी प्रतिष्ठित किसान ने कर्ज व बैंक प्रबंधक की धमकी से तंग आकर खुदकुशी कर ली। मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार खजुरी गांव के प्रतिष्ठित किसान ठाकुर राम पिता शिवचरण (65) के पास लगभग ढाई एकड़ जमीन थी, जिसे उसने कर्रा को-ऑपरेटिव बैंक में गिरवी रखकर 48 हजार...
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किसानों को राहत देने के मामले में उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार में ठनी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और उसे किसान विरोधी बताया है. अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह किसानों की हितैषी बनती है और हमेशा यह कहती है कि उसने किसानों को राहत देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये दिये हैं, अगर दिये हैं, तो वे गये कहां, मैंने तो अपनी जेब में...
More »सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
More »किसान के अस्तित्व की लड़ाई- योगेन्द्र यादव
टेलीविजन चैनलों ने किसान को याद किया, ताकि पूरा देश किसान को भूल सके! यही किसान और खेती की त्रासदी है. क्या किसान आंदोलन इस त्रासदी को पलट सकेंगे? असली त्रासदी यह नहीं कि गजेंद्र नाम का एक और किसान अब इस दुनिया में नहीं रहा, उसके मां-बाप ने अपने बुढ़ापे का सहारा खो दिया और बच्चों ने अपना पिता. असली त्रासदी है कि किसानों की आत्महत्या का यही सिलसिला...
More »बात निकली है तो दूर तलक जाएगी - भवदीप कांग
गजेंद्र सिंह की मौत का राजनीतिकरण इस पूरे प्रकरण का सबसे दु:खद पहलू था। हो सकता है उसकी आत्महत्या 'जेनुइन" हो। यह भी हो सकता है, जैसा दिल्ली पुलिस का मानना है कि उसकी आत्महत्या महज एक दुर्घटना हो, एक नाटकीय प्रसंग। लेकिन गजेंद्र की मौत इन मायनों में अपने लक्ष्य को अर्जित करने में जरूर कामयाब रही कि उसने किसानों की दुर्गति की ओर पूरे देश का ध्यान आकृष्ट...
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