सूरज की तपिश, सड़क से निकलती गर्मी, त्वचा को जला देने वाली धूप के बीच वाहनों की चिल्ल-पों। रेड लाइट पर खड़ी कार व अन्य वाहनों से निकलता धुआं और एसी चलने के कारण निकलती गर्म हवा के कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। कई बार दम घुटने जैसी हालत हो जाती है। इंतजार इस बात का रहता है कि कब रेड लाइट ग्रीन हो और वाहनों के बीच...
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पीएमओ शक्ति का नया केंद्र- एम के वेणु
अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद से ऐसे लोगों को निराशा हुई है, जो यह उम्मीद कर रहे थे कि मंत्रियों का चयन शासन के उनके अनुभव और योग्यता के आधार पर किया जाएगा। निश्चित रूप से मंत्रिमंडल में अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, कलराज मिश्र और नितिन गडकरी जैसे लोग भी हैं, जिन्हें केंद्र या राज्य स्तर पर सरकार में शामिल...
More »अबकी बार केवल सरकार- शंकर अय्यर
पिछले तीन महीने में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। यह सरकार विहीन यथार्थ से विपक्ष विहीन यथार्थ की स्थिति में आ गई है। निष्क्रियता और अयोग्यता का एक चक्र पूरा हो चुका है। ऐसे में, जनादेश को इस तरह भी अभिव्यक्त किया जा सकता है-अबकि बार केवल सरकार, कोई विपक्ष नहीं! सांसद आपस में मजाक करते देखे जा रहे हैं कि एनडीए के सभी सदस्यों के बैठने...
More »मोदी सरकार का पहला फैसला, रिटेल में एफडीआई से इनकार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम की ओर से पहले दिन पहला सबसे बड़ा फैसला सामने आया है। नई वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अभी मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आने का सही वक्त नहीं है। अगर मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई लाया जाता है तो किसानों को नुकसान होगा। मोदी के मंत्रियों ने यह मान किया है कि देश की अर्थव्यवस्था मुश्किल वक्त में...
More »विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह
जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...
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