नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनआरएचएम] की संचालन समिति ने देश के 235 पिछड़े जिलों में 53,500 पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करने की योजना को मंजूरी दे दी है। इस पर कुल 386 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इन पुरुष कार्यकर्ताओं की नियुक्ति सबसे पहले उन उप-केंद्रों पर की जाएगी, जहां अभी सिर्फ महिला नर्स या एएनएम से काम चलाया जा रहा है। इनकी नियुक्ति के बाद...
More »SEARCH RESULT
पांच सौ रुपया तनख्वाह में बीस वर्षो से कार्य कर रही हैं दाईयां
पिथौरागढ़। सुविधाओं से वंचित ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने वाली दाईयों के हाल बद से बदत्तर हैं। सरकारें अपने कर्मचारियों को छठा वेतनमान दे रही है वहीं इन दाईयों को मात्र चार सौ रुपये प्रतिमाह खैरात के रुप में दिये जाते हैं। सौ रुपया स्थानीय अस्पताल से मिलता है। पांच सौ रुपयों के लिये दाईयों को माह में दो तीन बार ब्लाक मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिसमें मिलने वाली धनराशि का...
More »गर्भवती को अस्पताल से निकाला, नवजात की मौत
रोजनीनगर, 5 जून : सरोजनीनगर के सामुदायिक केन्द्र पर शनिवार को गर्भवती महिला की भर्ती के बाद बिगड़ी हालत पर चिकित्सकों ने उसे डफरिन अस्पताल के लिए रेफर करते हुए अस्पताल से बाहर कर दिया। अस्पताल से एम्बुलेंस न मिलने के चलते परिवारीजन जब तक वाहन की व्यवस्था करते तब तक दर्द से तड़पती महिला ने अस्पताल परिसर में ही शिशु को जन्म दे दिया। चिकित्सकों ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते कुछ...
More »इस बार भी घोंघा खाने की मजबूरी
मुजफ्फरपुर [जागरण टीम]। उत्तर बिहार में बाढ़ हर साल भूख और कुपोषण की पीड़ा लेकर आती है, लोग दाने-दाने को मोहताज हो जाते हैं, इस बार भी यही तमाशा दिखने वाला है। मधुबनी व दरभंगा के कोसी पीड़ित इस बार भी पानी के 'फल-फूल' यानी भेंठ, सारूख, कमलगोट्टा के साथ मछली, केकड़ा, कछुआ, घोंघा और सितुआ को ही आग में भूनकर खाने को विवश होंगे। तीन माह तक अन्न के दाने से वंचित रहने...
More »किसे है यूपी में जनता की सेहत की फिक्र
नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आंकड़ों के खेल में सरकार की सेहत भले ही ठीक हो, लेकिन जनता की सेहत की फिक्र किसे है। कम से कम ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। केंद्र सरकार की नजर में इस मामले में राज्य सरकार का कामकाज बिल्कुल असंतोषजनक है। प्रदेश के लगभग दो सौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टरों के और 1929 मातृ-शिशु कल्याण उप केंद्र बिना एएनएम के चल...
More »