झारखंड में बीते 30 दिनों में कम से कम दो जन भुखमरी के कारण मौत की चपेट में आये हैं. भोजन का अधिकार अभियान ने यह जानकारी एक तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट के आधार पर दी है. रिपोर्ट में राज्य के दुमका जिले में जामा प्रखंड के महुआटांड गांव के कलेश्वर सोरेन और देवघर जिले में मार्गोमंडा प्रखंड के मोती यादव की मौत के पीछे भुखमरी को एक कारण के...
More »SEARCH RESULT
बदल रही है परहिया समुदाय की जिंदगी
लातेहार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर औरंगा नदी के किनारे स्थित है उचुवाबाल. यह मनिका प्रखंड की रॉकी कलां पंचायत के लंका गांव का टोला है. इस टोले में परहिया समुदाय के 80 परिवार हैं. उनकी जीविका का एकमात्र जरिया हैं जंगल की उपज. इन वनोत्पादों को एकत्र करना और उन्हें बाजार में बेचना यही उनके आर्थिक जीवन का आधार है. इसके अलावा उच्च जाति के लोगाों के...
More »अलोकतांत्रिक भारत और आरक्षण--- केसी त्यागी
गत सप्ताह एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध करते सवर्णों द्वारा ‘भारत बंद' का आह्वान किया गया था. इस मुद्दे पर भी बयानबाजी के जरिये अगड़ी-पिछड़ी जातियों को बांटने की राजनीतिक पहल हुई. यह पहली घटना नहीं है. पिछड़ों को प्राप्त आरक्षण समाप्त करने, अगड़ों के साथ पक्षपात करने जैसे भ्रामक दुष्प्रचार बतौर हथकंडे समय-समय इस्तेमाल होते रहे हैं. समझना होगा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15-4 के तहत...
More »गांवों-शहरों का बुनियादी ढांचा-- वरुण गांधी
अहमदाबाद से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भावनगर के किसान स्थानीय शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अपने गांव को शहरी सीमा में शामिल किये जाने का विरोध कर रहे हैं. ऐसा ही विरोध सूरत, हिम्मतनगर और मोरबी-वांकानेर के करीबी गांवों में भी देखने में आया है. यह असामान्य रुख है. ऐसा लग रहा है कि शहरीकरण के फायदों को ठुकराया जा रहा है. इस दौरान, भारत के शहरी...
More »जरूरी विमर्श के दायरे में 'दलित' - बद्री नारायण
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हाल में एक एडवाइजरी जारी कर मीडिया व संबंधित संस्थानों से आग्रह किया कि वे दलित सामाजिक समूहों तथा जातियों के लिए दलित के स्थान पर अनुसूचित जाति या एससी शब्द का उपयोग करें। इससे मीडिया, राजनीतिक विश्लेषकों, अकादमिक वर्ग और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच एक विमर्श छिड़ गया। उनकी ओर से यह प्रश्न उठाया जा रहा है कि इससे क्या हासिल...
More »