यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्व, विशेष रूप से भारत, गरीबी के मुद्दे पर एक साथ नहीं आया है, जैसा कि यह जलवायु परिवर्तन पर एक साथ आया है. ये दोनों आपस में जुड़े हुए हैं. इसलिए, मैं भारत सरकार से आग्रह करूंगी कि देश का आइएनडीसी तैयार करते समय इसका ध्यान रखे कि क्या हमारे आइएनडीसी गरीबी को कम करने की दृष्टि से कार्बन उत्सजर्न को कम करने के लिए...
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150 साल से फैले प्रदूषण का बोझ भारत का गरीब नहीं उठा सकता
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने पिछले 150 साल से हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड घोलने का भार विकसित देशों से वहन करने को कहा है क्योंकि भारत में गरीब आदमी से साफ-सुथरी धरती के लिए और अधिक बोझ उठाने को नहीं कहा जा सकता. ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, पिछले 150 साल में हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड के प्रवाह का भार कौन वहन करेगा, जबकि पश्चिमी दुनिया, विकसित देश...
More »झारखंड के पांच जिलों में 38 पहाड़ गायब
प्राकृतिक सौंदर्यता, जंगल और खनिजों के लिए प्रसिद्ध झारखंड के पांच जिलों से 38 पहाड़ गायब हो गये हैं. राज्य के अन्य जिलों में भी अवैध खनन के कारण 80 से ज्यादा पहाड़ों का अस्तित्व खतरे में है. इस खेल में पत्थर माफिया के अलावा कुछ भ्रष्ट अफसर और नेता भी शामिल हैं. नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए पहाड़ों की खुदाई हो रही है. जहां-तहां क्रशर मशीन लगी हैं. यहां...
More »अब भी हो रही पर्यावरण की अनदेखी - डॉ. भरत झुनझुनवाला
राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि पर्यावरण और विकास को साथ-साथ चलाया जा सकता है। बात सही है। आइए देखें कि सरकार इन दोनों उद्देश्यों को किस प्रकार एक साथ हासिल कर रही है। देश के पर्यावरण कानूनों की समीक्षा करने को मोदी सरकार ने पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय कमेटी गठित की थी। कमेटी में पर्यावरण से...
More »जन-स्वास्थ्य की पहली शर्त सुरक्षित भोजन- पूनम खेत्रपाल सिंह
कितनी बार हम खुद से पूछते हैं कि जो भोजन हम खा रहे हैं, क्या वह सुरक्षित है? क्या वह जीवाणु, वायरस, रसायनों या मिलावट से रहित है, जो डायरिया से लेकर कैंसर तक 200 तरह के रोगों का कारण बन सकते हैं? हर वर्ष दूषित भोजन व पानी के कारण दुनिया भर में 22 लाख लोग मौत के मुंह में पहुंच जाते हैं, इनमें 19 लाख बच्चे होते हैं।...
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