मौजूदा फसल वर्ष 2012-13 (जुलाई-जून) में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन 3.5 फीसदी गिरकर 2501 लाख टन रहने की संभावना है। थिंक टैंक सेंटर फोर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार पिछले साल कमजोर मानसून के कारण खरीफ के उत्पादन में गिरावट आने से कुल खाद्यान्न उत्पादन कम रहेगा। सीएमआईई की मासिक रिपोर्ट के अनुसार...
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गांव के गोदामों से भी मिलेगी नेगोशिएबल रसीद
इन जिंसों की मिलेगी रसीद :- अनाज, मसाले, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, साबुत मसाले, मसाला पाउडर, चाय, कॉफी, तंबाकू और रबर ग्राम स्तर पर सोसायटी के गोदामों को भी दी जा रही है मान्यता अब प्राइमरी सहकारी संस्थाओं के गोदामों में भी जिंसों का भंडारण करके किसान और ट्रेडर्स नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (एनडब्ल्यूआर) प्राप्त कर...
More »खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 10.91 प्रतिशत पहुंची
नयी दिल्ली (भाषा)। खुदरा मुद्रास्फीति में लगातार पांचवें महीने बढ़ोतरी का रुख रहा। फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 10.91 प्रतिशत पहुंच गई। सब्जियों, खाद्य तेल, अनाज और प्रोटीनयुक्त वस्तुओं की कीमत बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ी। जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति 10.79 प्रतिशत थी। दिसबर में खुदरा मुद्रास्फीति दहाई अंक का स्तर पार कर 10.56 प्रतिशत रही थी, जबकि नवंबर में यह 9.90 प्रतिशत थी। आज जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल दर साल आधार...
More »दलहन और तिलहन की पैदावार बढ़ाना जरूरी : पवार
बढ़ते आयात बिल में कमी करने के लिए देश में दलहन और तिलहनों की पैदावार बढ़ाना जरूरी है। सालाना घरेलू आवश्यकता की पूर्ति के लिए हमें करीब 50 फीसदी खाद्य तेलों का आयात करना पड़ता है जबकि देश में हर साल 30 से 35 लाख टन दालों का आयात होता है। घरेलू बीज कंपनियों के...
More »जलवायु संकट के बादल- अतुल कुमार सिंह
जनसत्ता 26 अक्टुबर, 2012: भारत समेत दुनिया के सामने दो सबसे अहम समस्याएं भुखमरी और जलवायु संकट हैं। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जिनसे न केवल मानवता के भविष्य बल्कि पूरे जीव-जगत और अंतत: दुनिया के अस्तित्व का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विश्व भर में इन मुद्दों पर खासी चर्चा और चिंताएं भी हैं। लेकिन इनसे निपटने के लिए जो उपाय सामने आ रहे हैं उनमें न तो मुकम्मलपन दिखता है और...
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