-आउटलुक, कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। किसानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने और महामारी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि किसान 29 नवंबर को लामपुर बॉर्डर से दिल्ली की सीमा में घुस आए थे और सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर बैठ गए थे। वे...
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विपक्षी नेताओं ने की राष्ट्रपति से मुलाक़ात, नए कृषि क़ानूनों को रद्द करने का अनुरोध
-न्यूजक्लिक, केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन के बीच बुधवार शाम को विपक्ष के कुल पांच नेताओं कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी नेता शरद पवार, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा और डीएमके नेता टीकेएस इलांगोवन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। कोविड-19 प्रोटोकॉल की वजह से सिर्फ़ पांच नेताओं को राष्ट्रपति से मुलाकात संभव हो सकी। विपक्षी नेताओं ने किसानों के प्रति एकजुटता...
More »किसान आंदोलनः किसान संगठनों के भीतर क्या चल रहा है?
-बीबीसी, सरकार के साथ पाँच दिसंबर को हुई बैठक में यूनियन नेताओं ने हाथ में 'हां या ना' की तख़्ती लेकर स्पष्ट कर दिया कि वो तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने से कम किसी भी बात पर मानने वाले नहीं हैं. सरकार ने थोड़ा लचीलापन दिखाते हुए संशोधन की बात तो की है लेकिन क़ानून रद्द करने का कोई भरोसा नहीं दिया है. मंगलवार को किसान संगठन भारत बंद करके अपनी ताक़त...
More »सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता विफल, 3 दिसंबर को फिर होगी बैठक
-डाउन टू अर्थ, केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई बातचीत विफल रही। सरकार ने किसानों के सामने शर्त रखी कि वे पांच सदस्यीय कमेटी बनाएं, लेकिन किसान संगठनों ने इससे इंकार कर दिया। 3 दिसंबर को एक बार फिर बैठक बुलाई गई है। केंद्र द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली के अंदर और सीमाओं पर डटे हुए हैं। इस वजह से 1 दिसंबर को...
More »ग्राउंड रिपोर्ट: आखिर किसान निरंकारी ग्राउंड क्यों नहीं आना चाहते, उन्हें किस बात का डर है?
-न्यूजलॉन्ड्री, ‘‘अगर किसान यूनियन के लोग चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे. तीन तारीख से पहले इनसे बात करे तो मेरा आप सभी को यह आश्वासन है कि जैसे ही आप यहां शिफ्ट हो जाते हैं. एक स्ट्रक्चर्ड जगह पर अपने आंदोलन को शिफ्ट करते हैं और वहां आप अच्छे तरीके से बैठ जाते हैं उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपके साथ आपकी समस्या और मांगों के लिए...
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