सीएसीपी यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ताजा सिफारिशें जूट के किसानों के लिए आफत बन सकती हैं। आयोग का कहना है कि चीनी मिलों में शत-प्रतिशत जूट के बोरे के इस्तेमाल की मौजूदा नीति को बंद कर दिया जाए तथा खाद्य पदार्थों में नब्बे फीसद जूट की अनिवार्यता को पचहत्तर फीसद किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो बंगाल का जूट किसान भूखों मर जाएगा। यही नहीं, जूट कारखानों व...
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बुंदेलखंड: न चारा, न पानी, जानवर बेच रहे हैं किसान
सूखे से झुलस रहे बुंदेलखंड में स्थितियां और भयावह हो चली हैं। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो वक्त की रोटी के लिए ग्रामीण अपने पशु बेच रहे हैं। पशुओं के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, चारे पानी का जबरदस्त संकट है लिहाजा पशुपालक भारी मन से औने-पौने दामों में इनसे पीछा छुड़ा रहे हैं। कई गांव ऐसे भी हैं जहां के लोगों ने अपने...
More »लोगों को हुनर सिखाकर बदल सकते हैं समाज-- दशरथ सूर्यवंशी
बरसों से जलसंकट से जूझ रहे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अंचल के उदगीर जिले के रावणकोल में पलते-बढ़ते समय एक अलग ही तरह का सामाजिक बदलाव मेरी नज़र में आया। जल-संकट के कारण उजड़ती खेती के साथ उजड़ते गांव। लोग आजीविका की तलाश में शहर चले जाते। परिवार बिखरते। ग्रामीण अर्थव्यवस्था, खेती और ग्रामीण व्यवस्था ही नहीं बदल रही है बल्कि सामाजिक मेल-जोल व एकजुटता खत्म हो रही है, क्योंकि घट...
More »कब चेतेंगे हम ? पानी के लिए लगी धारा 144
मध्यप्रदेश के बैतूल में पानी पर पहरा, निर्माण कार्य पर रोक महाराष्ट्र के बाद अब मध्यप्रदेश में भी पानी पर पहरा लगा दिया गया है. बैतूल में पानी बचाने के लिए नये निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गयी है. इसके पहले महाराष्ट्र के लातूर में भी ऐसी नौबत आ चुकी है, जहां लोगों की प्यास बुझाने के लिए ट्रेनों से पानी के टैंकर भेजे गये. यह स्थिति देश में...
More »भीषण जल संकट से बैतूल में धारा 144 लागू
बैतूल (ब्यूरो)। माचना एनीकेट के सूखने के बाद धारा 144 के तहत निर्माण कार्यों पर लगी रोक बाद अभी तक जैसे-तैसे फिल्टर से हो रही जलापूर्ति पूरी तरह से बंद हो गई। इसके साथ ही शहर के सभी वार्ड अब टैंकरों के भरोसे हो गए हैं। इधर नगर पालिका की समस्या यह है कि उसके पास ना तो पर्याप्त टैंकर हैं और ना ही पानी की ही समुचित व्यवस्था है।...
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