पटना [जागरण संवाददाता]। बिहार में मानसून ने कायदे से दस्तक भी नहीं दी है, पर नदियों का बढ़ना शुरू हो गया है। मुजफ्फरपुर में बुधवार को बागमती की दक्षिणी और उत्तरी उपधारा का बांध टूट गया। मधुबनी में कमला बलान का जलस्तर बढ़ने से इसके तटबंध के गेट से पानी का रिसाव शुरू हो गया है। कटिहार में महानंदा के जलस्तर में वृद्धि से कई गांवों में पानी घुसने की आशंका...
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1900 कृषक समूहों का होगा गठन
पटना राज्य में चयनित फसलों के लिए 1900 कृषक समूहों का गठन होगा। प्रत्येक समूह में 15 से 20 किसान सदस्य होंगे। कृषि विभाग की सभी योजनाएं कृषक समूहों के माध्यम से ही लागू होंगी। समूह के सदस्यों को ही प्रशिक्षण दिया जायेगा। समूह गठन के लिए सरकार से पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। बैंक में समूह का खाता खुलने पर सरकार दस हजार...
More »सस्ती दर पर उपलब्ध होगा हरा चारा
पटना समेकित कृषि विकास योजना की राशि से सरकार कृषि फार्म को हरा चारा उत्पादन केन्द्र के रूप में विकसित करेगी। इसके लिए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होगी। इससे पौष्टिक व सस्ती दर पर हरा चारा उपलब्ध हो सकेगा। कृषि पैदावार बढ़ाने के लिए राज्य को जलवायु के आधार पर चार क्षेत्रों में विभाजित कर समेकित कृषि प्रणाली का माडल तैयार किया गया है। चारा केन्द्र पर डेढ़...
More »बाप के होते भी बेसहारा बच्चे
मुजफ्फरपुर [जाटी]। उत्तर बिहार में बाल श्रमिक उन्मूलन के लिए हवा में ही तलवारबाजियां हो रही हैं। रोज नए-नए दावे किए जाते हैं, लेकिन यहां के हर जिले में उन बच्चों की बड़ी तादाद है, जो बाप के होते भी बेसहारा हैं और बाल मजदूरी करने को विवश हैं। उन्मूलन के लिए सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर हो रहे प्रयासों का कोई सार्थक नतीजा नहीं निकल पा रहा है। ...
More »इस बार भी घोंघा खाने की मजबूरी
मुजफ्फरपुर [जागरण टीम]। उत्तर बिहार में बाढ़ हर साल भूख और कुपोषण की पीड़ा लेकर आती है, लोग दाने-दाने को मोहताज हो जाते हैं, इस बार भी यही तमाशा दिखने वाला है। मधुबनी व दरभंगा के कोसी पीड़ित इस बार भी पानी के 'फल-फूल' यानी भेंठ, सारूख, कमलगोट्टा के साथ मछली, केकड़ा, कछुआ, घोंघा और सितुआ को ही आग में भूनकर खाने को विवश होंगे। तीन माह तक अन्न के दाने से वंचित रहने...
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