पत्नी का पर्यावरण प्रेम देख किसान चैन सिंह लोधी ने 25 फुट गहरा कुआं खोद दिया। लोगों ने जब उसकी पत्नी को पौधे सींचने के लिए हैंडपंप या कुएं से पानी नहीं भरने दिया, तब उसने कुआं खोदने की ठान ली। दो माह कठिन परिश्रम कर उसने पत्नी की खातिर कुआं खोद दिया। इस सूखे के समय में कुएं से निकले पानी से वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर पेड़ों की...
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खाद्यान्न-उत्पादन : सूखे की मार के बीच क्या कहता है कृषि मंत्रालय का नया आकलन
कृषि मंत्रालय के एक हालिया पुर्वानुमान में कहा गया है कि मौजूदा फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन कमोबेश पिछले साल जितना बना रहेगा.(देखें नीचे की लिंक) गौरतलब है कि बीते मार्च महीने में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से दस राज्यों में हुए फसलों के नुकसान और जारी सूखे बीच आशंका जतायी जाती रही है कि चालू फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन में कमी आयेगी. 2014-15 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 252.02 मिलियन टन था...
More »सूखे की मार, हम जिम्मेवार--- भरत झुनझुनवाला
देश के कई हिस्से सूखे की चपेट में हैं. भूमिगत जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. आलम यह है कि समर्थवान अंगूर व मिर्च की खेती कर रहे हैं, जबकि सामान्य किसान पीने के पानी को भी तरस रहे हैं. साठ के दशक में हरित क्रांति के साथ-साथ देश में ट्यूबवेल से सिंचाई का विस्तार हुआ. गंगा के मैदानी इलाके में पहले भूमिगत जल-स्तर बरसात में 5-6 फुट और...
More »सूखा देख टाली शादी लातूर में प्यास बुझाने के लिए खर्च किए पौने दो लाख
शिव सोनी, बिलासपुर(छत्तीसगढ़)। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर रेल मंडल में पदस्थ कांस्टेबल राम शिंदे मूलत: महाराष्ट्र लातूर जिले के अंबुलगा गांव का रहने वाला है। जिले में भीषण सूखा पड़ने के कारण यहां के लोग बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। छुट्टी में जब जवान गांव गया तो यहां की स्थिति देखकर उसका दिल पसीज गया। उसने न केवल अपनी शादी टाल दी बल्कि इसके लिए जोड़कर रखी...
More »सूखे पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, राज्य और केंद्र को दिए कड़े निर्देश
सूखे पर सख्त रुख अपनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि केंद्र सरकार जल्द मनरेगा का पैसा जारी करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है मनरेगा ठीक से लागू नहीं है। कोर्ट की ओर से कहा गया है कि गर्मी की छुट्टियों में भी सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों को स्कूल की ओर से मिड डे मील योजना के अंतर्गत भोजन उपलब्ध कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा...
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