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सवाल भरोसा बहाल करने का है- योगेन्द्र यादव

सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) में बदलाव के लिए पेश हुए बिल पर अगले हफ्ते बहस होनी है, लेकिन फैसला सबको मालूम है. कानून में बदलाव के मुद्दे पर सारे दल एकजुट हैं, सो संशोधन होकर रहेगा. मंशा कानून को ऐसे बदलने की है कि राजनीतिक दल आरटीआइ के घेरे में आने से बचे रहें. पार्टियों के इस रवैये से आम आदमी को एक बार फिर लगेगा कि कायदे-कानून सिर्फ...

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आरटीआई में बदलाव की कोशिश से जनता में रोष

सूचना के अधिकार कानून के घेरे में राजनीतिक पार्टियों को लाने के केंद्रीय सूचना आयोग के फैसले को पलटने के लिए यूपीए सरकार इस कानून में संशोधन का विधेयक लाने जा रही है। सरकार के इस कदम की जनता में व्यापक आलोचना जारी है और लोग इस सरकारी पहल के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। (इस मसले को विस्तार से जानने के लिए कृपया नीचे दी गई लिंक को चटकायें)...

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पुलिस सुधार की मरीचिका- सत्येंद्र रंजन

जनसत्ता 12 अगस्त, 2013: सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से पुलिस सुधारों का मुद्दा फिर चर्चा में है। सात साल पहले सर्वोच्च न्यायालय ने पुलिस सुधारों के बारे में व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए थे। लेकिन उसका क्या अंजाम हुआ यह इस मामले में न्यायमित्र (एमिकस क्यूरे) की भूमिका निभा रहे महाधिवक्ता जीएम वाहनवती द्वारा न्यायालय को दी गई इस सूचना से जाहिर है कि राज्य सरकारों ने पुलिस सुधारों पर मामूली...

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आरटीआइ अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक आज पेश होगा

जनसत्ता ब्यूरो, नई दिल्ली। कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन राज्य मंत्री वी नारायणसामी के निचले सदन में यह विधेयक पेश किया जाएगा। राजनीतिक दलों को पारदर्शिता कानून के दायरे से बाहर रखने के लिए सरकार सोमवार को लोकसभा में आरटीआइ अधिनियम में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करने की तैयारी में है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अगस्त को राजनीतिक दलों को छूट प्रदान करने के लिए आरटीआइ अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव...

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लखीमपुर: महिला तस्करी की नई राजधानी- प्रियंका दुबे

रह्मपुत्र और सुबनसिरी जैसी विशाल नदियों के बीच बसा असम का लखीमपुर जिला पहली नजर में खुशहाल इलाका दिखता है. ढलानों पर पसरे चाय-बागान, दूर तक फैले धान के खेत और पानी से लबालब सैकड़ों तालाब. लेकिन सतह को थोड़ा ही कुरेदने पर इस खुशनुमा तस्वीर के पीछे की भयावह सच्चाई दिखती है. पता चलता है कि बागानों में चाय की पत्तियां तोड़ते मजदूरों और पानी में डूबे खेतों में...

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