महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून(मनरेगा ) को 10 साल पूरे हो गए हैं। एनडीए सरकार का दावा है कि इसके शासन के चलते इस योजना को लागू करने में बदलाव आया है। इस दावे की सच्चाई पर सवाल उठना लाजिमी है क्योंकि कई जगहों पर इसे लागू करने में कमियां रही है। इस पर ध्यान देने के लिए हम तेलंगाना के महबूबनगर जिले के घटू मंडल का उदाहरण...
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आधी अधूरी खाद्य व्यवस्था-- जाहिद खान
तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
More »पंचायत चुनाव में महिला आरक्षण बढ़ाकर 50 प्रतिशत करेगी मोदी सरकार
नयी दिल्ली : नरेद्र मोदी सरकार ने कहा कि वह संसद के आगामी बजट सत्र में पंचायतों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के बारे में संशोधन लाएगी. ‘पंचायती राज (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम के कार्यान्वयन: विषय और दिशा' संबंधी एक राष्ट्रीय कार्यशाला में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री बिरेंदर सिंह ने कहा कि यद्यपि कुछ राज्य पंचायतों में महिलाओं को 50...
More »इक्कीसवीं सदी दलितों की है-- चंद्रभान प्रसाद
दलितों का महत्व अचानक ही बढ़ गया है, तमाम राजनीतिक पार्टियां डॉ. भीमराव अंबेडकर की परंपरा को अपनाने का दावा करते हुए दलितों के साथ अपनापा स्थापित करने में लग गई हैं। संघ परिवार जैसा दलितों का घनघोर विरोधी संगठन भी अंबेडकर के पक्ष में खड़ा होने लगा है। इन बुनियादी तथ्यों पर जरा नजर दौड़ाइए- 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने 282 सीटें...
More »फसल किसकी और फायदा किसे? - देविंदर शर्मा
मुझे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बहुत उम्मीदें थीं। गए साल बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में बड़ी मात्रा में फसलें तबाह हो गई थीं। कई किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। ऐसे में किसान उत्सुकतावश नई फसल बीमा योजना की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे थे। हालांकि नई योजना को सरकार की ओर से गेमचेंजर बताया गया, लेकिन मैं जब इसकी...
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