जिस तरह भुखमरी के कगार पर पहुंच गए देश को 1960 के दशक की हरित क्रांति ने अन्न से संपन्न देश में बदल दिया था, उसी तरह आधुनिक जेनेटिक्स और जेनेटिक इंजीनियरिंग देश की कृषि समस्याओं के खात्मे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। अल नीनो समेत भारत पर पर्यावरण के बदलाव का असर पहले ही दिखने लग गया है, ऐसे में विज्ञान की मदद लेने के अलावा देश के...
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जल सत्याग्रह: ‘लड़ेंगे-मरेंगे, जमीन नहीं छोड़ेंगे’- जावेद अनीस
देश में भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर खूब बहस हो रही है, इधर मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर बढ़ाए जाने को लेकर करीब एक पखवाड़े से किसान खंडवा जिले के घोघल गांव में जल सत्याग्रह कर रहे हैं. लगातार पानी में खड़े होने से सत्याग्रही किसानों के पैरों की त्वचा भी गलने लगी व खून का रिसाव शुरू हो चुका है. इतना सब होने के बावजूद प्रदेश सरकार...
More »पुलिस का क्रूर चेहरा, 17 घंटे लटका रहा मृत किसान
फसली नुकसान और लाखों के कर्ज से परेशान होकर रोजा के गांव सरसवां के 55 वर्षीय जय कुमार ने पेड़ से लटकर फांसी लगा ली। उनका शव गांव से करीब पांच किमी के फासले पर सेहरामऊ दक्षिणी क्षेत्र के गांव दारापुर चठिया के जंगल में पेड़ पर लटका मिला। इसके बाद रोजा और सेहरामऊ थानों के पुलिस के बीच सीमा विवाद उलझने से करीब 17 घंटे तक शव पेड़ पर...
More »न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों के लिए कितना मददगार ?
अगर आप मानते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य देश के ज्यादातर किसानों को उपज का लाभकर मूल्य दिलाने में कारगर है तो आप गलत सोच रहे हैं। अगर विश्वास ना हो तो नीचे राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की नई रिपोर्ट के इन तथ्यों पर गौर कीजिए।(देखें नीचे दी गई रिपोर्ट) साल 2012 के जुलाई महीने से दिसंबर महीने के बीच देश के किसान प्रति क्विंटल धान में से महज 17 किलो सहकारी या...
More »कहीं सूखे ही न रह जायें खेत- जयंतीलाल भंडारी
विगत 26 अप्रैल को ऑस्ट्रेलियाई मौसम ब्यूरो (एडबल्यूबी) ने कहा कि प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह गरम होने की वजह से अल नीनो के भारत आने की आशंका सामान्य से तीन गुना ज्यादा है। इससे देश के दक्षिण-पश्चिम मानसून पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। इसी तरह की चिंताजनक बात भारतीय मौसम विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में कही है। कहा गया है कि इस वर्ष अल नीनो की वजह से...
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