नए साल की इससे अच्छी शुरुआत नहीं हो सकती थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बीते तीन महीनों में 10 से 50 वर्ष की महिलाएं केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई थीं। जिन महिलाओं ने मंदिर में घुसने की कोशिशें कीं, उन्हें जबरन रोक दिया गया था। मगर बुधवार को अहले सुबह इस उम्र की दो महिला श्रद्धालु भगवान अयप्पा की पूजा करने में सफल रहीं...
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सक्रिय अदालत के बेमिसाल फैसले-- कमलेश जैन
इस साल अदालतों की सक्रियता खूब दिखी। ऐसे कई फैसले आए, जो ऐतिहासिक साबित हुए। इन फैसलों से यह खासतौर से लगा कि न्यायालय महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिलाने और समाज में फैली असमानता को दूर करने को लेकर काफी गंभीर है। हालांकि उसकी यह गंभीरता पहले भी कई बार दिखी है। जैसे, शीर्ष अदालत ने ही बलात्कार के मामलों में पीड़िता को दोषी मानने वाले प्रावधान खत्म...
More »देश में 56 करोड़ पर पहुंचा इंटरनेट कनेक्शंस का आंकड़ा..
भारत में 2018 के दौरान इंटरनेट कनेक्शंस की संख्या 65 फीसदी बढ़ी. इसके साथ ही तीन साल पहले सरकार द्वारा तय किए गए 50 करोड़ कनेक्शंस का महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी पूरा हो गया. सितंबर 2018 तक देश में इंटरनेट कनेक्शंस का आंकड़ा 56 करोड़ पर पहुंच गया. यह जानकारी ट्राई (Telecom Regulatory Authority of India) के डाटा से सामने आई. इंटरनेट कनेक्शंस में आए इस बूम में सबसे ज्यादा योगदान...
More »वित्तीय घाटे के मोर्चे पर मोदी सरकार को झटका, अप्रैल-नवंबर में बजट लक्ष्य का हुआ 115%
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि में देश का राजकोषीय घाटा (फिस्कल डेफिसिट) 7.17 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया. यह पूरे साल के बजटीय लक्ष्य का 114.8 फीसदी हो गया है. इसका मुख्य कारण रेवेन्यु की ग्रोथ रेट कम होना है. राजकोषीय घाटा सरकार के रेवेन्यु और खर्च के बीच का अंतर होता है. बजट में पूरे साल में कुल 6.24 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय घाटे का लक्ष्य रखा...
More »लैंगिक भेदभाव के खिलाफ खड़ा साल--
साल 2018 भारत की महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। अधिकारों के नजरिए से देखें, तो उन्होंने फिर से अपना सही मुकाम हासिल किया। यह वर्ष देश की शीर्ष अदालत द्वारा महिलाओं के पक्ष में ऐतिहासिक फैसले सुनाने का भी गवाह बना। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को रद्द किया, महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में पूजा-अर्चना के सांविधानिक अधिकार दिए, ‘तीन तलाक' खत्म किया, एडल्टरी यानी व्यभिचार को...
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