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औसत भारतीय की उम्र में इजाफा- विश्व स्वास्थ्य संगठन

बीते दो दशकों में भारत में आयु-संभाविता बढ़ी है लेकिन इस मामले में भारत अभी चीन, ब्राजील और श्रीलंका से पीछे है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट वर्ल्ड हैल्थ स्टैटिक्स 2014 के तथ्यों के अनुसार साल 1990 से 2012 के बीच भारत में स्त्री-पुरुष दोनों की आयु-संभाविता में बढोत्तरी देखी गई है। इस अवधि में पुरुषों के लिए आयु-संभाविता (जन्म के समय) 57 वर्ष से बढ़कर 66 वर्ष तक पहुंची है जबकि महिलाओं के मामले में 58...

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पीएमओ शक्ति का नया केंद्र- एम के वेणु

अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद से ऐसे लोगों को निराशा हुई है, जो यह उम्मीद कर रहे थे कि मंत्रियों का चयन शासन के उनके अनुभव और योग्यता के आधार पर किया जाएगा। निश्चित रूप से मंत्रिमंडल में अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, कलराज मिश्र और नितिन गडकरी जैसे लोग भी हैं, जिन्हें केंद्र या राज्य स्तर पर सरकार में शामिल...

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निर्मल गंगा की सार्थक धारा- जैको वल्विस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सबसे पवित्र नदी को साफ करने का वादा किया है। वाराणसी से चुनाव लडम्कर एक तरह से उन्होंने इस असंभव से लगने वाले मुद्दे पर अपने राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगा दिया। गंगा की जो हालत है, वह भारत के अंतर्विरोधों का सबसे अच्छा उदाहरण है। एक तरफ तो देश की इस सबसे पावन नदी की लोग पूजा करते हैं, इसके जल को सबसे पवित्र...

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स्वाइन फ्लू के बाद अब मर्स कोरोना वायरस का खतरा!

-नेशनल सेन्टर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने सभी राज्यों को मिडिल इस्ट रेस्पिरेटरी सिन्ड्रोम कोरोना वायरस की निगरानी रखने के लिए लिखा पत्र। -संदिग्ध मरीज की जांच का सैंपल एनसीडीसी दिल्ली व एनआईवी पूणे भेजने के निर्देश। जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने मिडिल इस्ट रेस्पिरेटरी सिन्ड्रोम कोरोना वायरस (Middle East Respiratory Syndrome Coronavirus) के प्रकोप को फैलने से पहले ही अलर्ट जारी किया है। चिकित्सा से जुड़े अधिकारियों को संयुक्त अरब अमीरात,...

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नि:शक्तों को समान अवसर का है अधिकार- आर के नीरद

नि:शक्तों को वह सब अधिकार मिला हुआ है, जो एक सामान्य व्यक्ति को है. नि:शक्तता के आधार पर उसके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता, बल्कि एक सामान्य व्यक्ति के मुकाबले उसकी शारीरिक या मानसिक कमी की भरपाई के लिए उसके साथ विशेष व्यवहार किया जाना है. शारीरिक रूप से नि:शक्त व्यक्ति के मामले में समाज का नजरिया बदला भी है, लेकिन मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति के प्रति अब...

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