मैंने कक्षा में सिंधु घाटी सभ्यता पर लेक्चर खत्म किया ही था और सोच रहा था कि क्या मुझे अगली क्लास में सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के कारणों (जिनमें भूकंप भी शामिल है) पर बात करनी चाहिए कि तभी मेरी कुर्सी, डेस्क, लैपटॉप सभी डगमगाने लगे। वास्तव में, ऐसा लग रहा था, जैसे पूरी दुनिया ही डोल रही हो। चंद मिनटों बाद मैंने इस भूकंप के बारे में और...
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दामों में कमी: ढीले पड़ने लगे दाल के तेवर
नई दिल्ली। दाल के जमाखोरों के खिलाफ सरकार की सख्ती का असर दिखने लगा है। थोक बाजार में इसके तेवर ढीले पड़ने लगे हैं। आसमान छूती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार की सलाह पर राज्य सरकारों की ओर से छापेमारी के चलते बाजार में दालों की आपूर्ति बढ़ी है। साथ ही आम लोगों को राहत देने के लिए अपनी तरफ से राज्यों की पहल ने भी महंगी...
More »मंहगाई में गिरावट के बावजूद मिडिल क्लास कर रहा मुश्किलों का सामना
नई दिल्ली। मंहगाई में गिरावट आने के बावजूद दैनिक उपभोग की कई वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतें बढऩे से देश का मध्यम वर्ग मुश्किलों का सामना कर रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा कि दलहनों, तैयार खाद्य पदार्थ, स्नैक्स आदि की कीमतें बढऩे के साथ ही वस्त्र, घर का किराया, शिक्षा और स्वास्थ्य के महंगा होने से मध्यम वर्ग की मुश्किलें बढ़ गई है। उसने कहा कि खुदरा स्तर पर...
More »सर्वे: UP के बाद राजस्थान में दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार
नई दिल्ली। दलितों के खिलाफ होने वाले अपराधों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म और यौन अपराधों के मामले सबसे ज्यादा रहते हैं और इस मामले में जनसंख्या अनुपात के लिहाज से गोवा की स्थिति सबसे खराब है जबकि अपराधों की संख्या के हिसाब से उत्तर प्रदेश पहले नबंर पर है। अपराध रिकार्ड ब्यूरो की ओर से जारी रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार गोवा में प्रति एक लाख...
More »जेब काट रहीं रोजमर्रा की चीजों की कीमतें : एसोचैम
नई दिल्ली। महंगाई की दर बेशक एक साल पहले के मुकाबले निचले स्तर पर बनी हुई है, लेकिन आम मध्यवर्ग के उपभोग की वस्तुएं और सेवाएं उसकी पहुंच से बाहर हो रही हैं। उद्योग चैंबर एसोचैम के एक विश्लेषण में यह निष्कर्ष निकला है। एसोचैम की रिपोर्ट कहती है कि ईंधन कीमतों में कमी और मामूली वेतनवृद्धि के बीच शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च जरूरत से अधिक बढ़े हैं। ये दोनों...
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