जब ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा शुरू हुई थी, तब इस प्रकार के आकलन की वैज्ञानिकता पर काफी सवाल उठाए गए थे। लेकिन धीरे-धीरे वे सवाल खामोश होते गए। अब पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ने तथा इसके फलस्वरूप जलवायु संकट तीव्रतर होने की हकीकत पर मतभेद की गुंजाइश नहीं रह गई है। दुनिया भर के वैज्ञानिक अब यह अनुभव करने लगे हैं कि हम आधुनिक विकास के जिस रास्ते पर चल...
More »SEARCH RESULT
वो 5 बातें जिनकी वजह से मनाना पड़ रहा है पृथ्वी दिवस
22 अप्रैल को दुनिया के 192 देश 46वां विश्व पृथ्वी दिवस मना रहे हैं। लेकिन मात्र एक दिन पृथ्वी दिवस के रूप में मना कर हम प्रकृति को बर्बाद होने से नहीं रोक सकते हैं। जीवन और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक हैं। पर्यावरण के बगैर जीवन असम्भव है। कोई दो राय नहीं कि अगर पृथ्वी खतरे में रहेगी तो मनुष्य जाति भी खतरे में रहेगी। दुर्भाग्यवश पृथ्वी का अस्तित्व खतरे...
More »हरित ऊर्जा को सस्ता बनाना ही समाधान- ब्योर्न लॉम्बॉर्ग
आज दुनिया भर के तमाम नेता अब तक के सबसे खर्चीले जलवायु परिवर्तन समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इन नेताओं में शामिल होंगे। मगर सच यही है कि पेरिस समझौते की जितनी कीमत हम चुकाने वाले हैं, उसकी उपलब्धि उतनी ही कम रहने वाली है। इस समझौते में औसत वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि को औद्योगिक युग के पहले के स्तर से दो डिग्री...
More »अविरलता बिना निर्मलता नहीं-- भरत झुनझुनवाला
देश के मुख्य न्यायाधीश प्रयाग संगम पर पूजा अर्चना करने गये तो पंडित ने दक्षिणा में गंगा की निर्मलता और अविरलता मांगी. मांग बिल्कुल सही है, चूंकि गंगा को निर्मल बनाने के लिए उसका अविरल बहना अनिवार्य है. गंगा जल में कुछ विशेष सुकीटाणु होते हैं, जो जहरीले कीटाणुओं को खा जाते हैं. इन्हें कालीफाज कहा जाता है. ये कालीफाज गंगा में प्रवेश करनेवाले सीवेज में विद्यमान हानिप्रद कीटाणुओं को...
More »यूरोप के वृक्षों से गर्म हो रही धरती!
यह आम धारणा है कि वृक्ष धरती को ठंडा बनाये रखते हैं. साथ ही ये धरती के वायुमंडल में पैदा होनेवाली कार्बन डाइऑक्साइड को भी सोखते हैं. वृक्षों की पत्तियां, डालियां, तने आदि मिल कर सालाना करीब 2.4 बिलियन मीट्रिक टन कार्बन को सोखती हैं. लेकिन एक नये शोध अध्ययन में पाया गया है कि सभी वृक्ष यह काम नहीं करते और कुछ वृक्ष ऐसे हैं, जो धरती को ठंडा...
More »