नई दिल्ली। लंबे इंतजार और गतिरोध के बाद आखिरकार ऐतिहासिक खाद्य सुरक्षा विधेयक सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। विधेयक को सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। विधेयक पास होने के समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सदन में मौजूद थे। विधेयक पास करने से पहले सदन ने विपक्ष की ओर से पेश संशोधनों को नामंजूर कर दिया। इस विधेयक में देश की 82 करोड़ आबादी को सस्ता अनाज मुहैया कराने का प्रावधान...
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हिमालय पर घात- श्रुति जैन
जनसत्ता 29 जून, 2013: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में तबाही अभी थमी नहीं है और प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर में साढ़े आठ सौ मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन कर आए हैं। विकास के नाम पर पिछले कुछ साल से जिस गति से पूरे हिमालय क्षेत्र में इन परियोजनाओं को बढ़ावा मिलता रहा है वह भयानक है। सभी प्रस्तावित परियोजनाएं क्रियान्वित हो जाएं तो हिमालय दुनिया में सबसे ज्यादा बांध घनत्व...
More »अगले सीजन में भी चीनी उत्पादन घटने के आसार
भारत में चीनी का उत्पादन 8 फीसदी घटकर 232 लाख टन संभव : यूएसडीए पूर्वानुमान उत्पादन में कमी से चीनी हो सकती है महंगी चीनी के मुकाबले गुड़ के दाम रहेंगे ज्यादा भारत चीनी के मामले में आयातक देश बनेगा महाराष्ट्र में उत्पादन घटेगा जबकि यूपी में बढ़ेगा पिछले मार्केटिंग सीजन 2012-13 में चीनी उत्पादन में कमी आने के बाद अब अगले सीजन वर्ष 2013-14 में भी चीनी उत्पादन घटने का अनुमान है। अमेरिकी कृषि विभाग...
More »राज्यों को महंगी मिल रही है राशन की चीनी
बढ़ेगा बोझ - ऊंचे दाम पर चीनी की खरीद से राज्यों को करना होगा भुगतान निविदा के भाव मध्य प्रदेश को 32.87 रुपये प्रति किलो की दर से मिली निविदा केंद्र सरकार ने खरीद दाम तय किया हुआ है 32 रुपये प्रति किलो ज्यादा दाम पर खरीदी गई चीनी का भार राज्य सरकारों पर पड़ेगा कई राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से की सब्सिडी बढ़ाने की मांग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आवंटन के लिए राज्यों को महंगी...
More »निजी कंपनियों के हवाले मौसम!
भारत की आधी से ज्यादा आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है और कृषि मॉनसून पर. देश की कुल कृषि भूमि का 55 प्रतिशत वर्षा जल पर निर्भर है. लेकिन अभी तक मॉनसून के पूर्वानुमान के शास्त्र को पूरी तरह साध पाने में सफलता नहीं मिली है. पिछले साल सरकार ने संसद में स्वीकार किया कि पिछले चार साल से भारतीय मौसम विभाग के मॉनसून के पूर्वानुमान के आंकड़े वास्तविकता...
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