महात्मा गांधी आधुनिक युग के ऐसे इंसान हैं, जो किसी भी अन्य भारतीय की अपेक्षा अपने होने को सार्थक करते हैं। एक ऐसे हिंदू, जिन्होंने मुसलमानों के समान अधिकारों के लिए अपना करियर तो समर्पित किया ही, जीवन भी बलिदान कर दिया। 1922 में राजद्रोह के मुकदमे की सुनवाई कर रहे अंग्रेज जज ने पेशा पूछा, तो उनका जवाब था- ‘किसान और बुनकर'। जीवन यापन के दो ऐसे तरीके, जो...
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जेलों में बंद तीन में से एक विचाराधीन कैदी या तो एससी हैं या एसटी: रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत की जेलों में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की संख्या उनकी जनसंख्या के मुकाबले काफी ज्यादा है. एक नए अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है. भारत की आबादी में एससी और एसटी समुदाय के लोगों की संख्या 24 फीसदी है लेकिन जेलों में 34 फीसदी से ज्यादा बंदी एससी और एसटी समुदाय के हैं. इस पर ‘क्रिमिनल जस्टिस इन द शैडो ऑफ कास्ट' के नाम से एक...
More »आसान नहीं आरक्षण की राह-- प्नो. फैजान मुस्तफा
पिछले दिनों आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने हेतु संसद के दोनों सदनों में पारित 124वें संविधान संशोधन विधेयक के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 16 में एक नया उपबंध जोड़ा गया है, जो राज्यों को ऐसे प्रावधान करने में समर्थ बनाता है. इस वजह से केंद्र सरकार को यह भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस आरक्षण को असंवैधानिक करार देने की संभावना नहीं होगी...
More »सरकार के उच्च विभागों में निर्धारित सीमा से काफी कम है आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हालिया संविधान संशोधन के माध्यम से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था कर दी जिन्हें मौजूदा आरक्षण की व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा था. वहीं दूसरी ओर, इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट से ये जानकारी सामने आई है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सरकार के उच्च विभागों में ग्रुप-ए और ग्रुप-बी तथा अधिकतर...
More »पहले भी हो चुका है गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण का प्रयास, लेकिन विफल रहा
स्वतंत्रता के बाद संविधान निर्माताओं ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था की। साथ ही शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को भी आरक्षण का लाभ दिया गया। संविधान में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए ही आरक्षण का प्रावधान है। आर्थिक आधार पर आरक्षण के प्रयास पहले भी किए गए, लेकिन वे विफल होते रहे हैं। जानिए- पहले विफल रहे...
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