श्रीनगर। भारत के गरीब कहीं अधिक भरोसेमंद हैं। अपनी ऋण अदायगी की आदतों की वजह से गरीब अमीरों के मुकाबले बेहतर और ईमानदार कर्जदार हैं। यह कहते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बैंकों से निर्धनों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज देकर वित्तीय समावेश को सफल बनाने की अपील की। चिदंबरम जम्मू एंड कश्मीर बैंक की 75वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर...
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खनन से किसका हित, मिल कर सोचें- ।।किशन पटनायक।।
बिक्री लायक पदार्थो को ‘पण्य’(माल) कहा जाता है और उनके संग्रह को ‘संपत्ति’. आधुनिक समाज में संपत्ति को मूल्यों (रुपयों) में आंका जाता है. मैं अगर करोड़पति हूं, तो मेरी संपत्ति का मूल्य करोड़ों रुपयों में है. दुनिया में जितनी भी संपत्ति है, उनके मूल में हैं प्राकृतिक संसाधन. मेहनत, बुद्धि और मशीनों के द्वारा प्राकृतिक संसाधनों से विभिन्न पण्य वस्तुओं को बनाया जाता है. मशीनें भी खनिज धातु यानी प्राकृतिक...
More »विदेश में इलाज का मर्ज- मृणालिनी शर्मा
जनसत्ता 26 सितंबर, 2013 : भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही में चुपके से एक फैसला लिया है, जिसके अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा और वन सेवा जैसी अखिल भारतीय सेवाओं के लगभग पांच हजार कर्मचारी अपने इलाज के लिए विदेश जा सकते हैं। विदेश जाने का हवाई किराया और वहां दो महीने तक रहने का खर्च भी सरकार उठाएगी। दो महीने की यह अवधि अगर जरूरी...
More »नेताओं के एजेंडे में नहीं है आम आदमी - तवलीन सिंह
कई विद्वानों का मानना है कि भारतवासी भारत में रहकर वैसी कामयाबी हासिल नहीं कर सकते, जो विदेशों में पहुंचते ही उनको नसीब हो जाती है। इस बार न्यूयॉर्क में मुझे इस बात की सच्चाई का गहरा एहसास हुआ। जिस दिन यहां पहुंची एक पारसी दोस्त की बेटी की शादी में कानक्टीकट जाना हुआ और रास्ते में पता चला कि गाड़ी का ड्राइवर देसी था। उसके साथ बातें शुरू हुई, तो पता...
More »आपला मानूस बाकी सब मनहूस- रविदत्त वाजपेयी
खाड़ी देशों में तेल के अकूत भंडार की खोज और सारे विश्व में इस तेल की असीमित मांग के बाद से अरब देशों के आर्थिक स्वरूप में विस्मयकारी परिवर्तन हुआ. साथ ही इन देशों में काम इतना बढ़ा कि सारी दुनिया से लोगों को यहां रोजगार मिलने लगा. खाड़ी के सबसे बड़े देश सऊदी अरब में भी शुरुआती दिनों में तेल खनन व शोधन के लिए विदेशी विशेषज्ञों और अमीरी बढ़ने...
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