देश में तेजी से हो रहे औद्योगिकीकरण और नये-नये इलाकों में आप्रवासियों के लिए बनते नये उपनगरों में अनुमान के हिसाब से लोगों के न पहुंचने से वहां बिल्कुल खाली पड़े लाखों मकानों के बारे में अक्सर चर्चा होती है. कहा जा रहा है कि चीन में पचास से अधिक ऐसे इलाके हैं, जहां नवनिर्मित आवासीय इकाइयां लगभग खाली पड़ी हैं. विडंबना ही है कि अब भारत में भी...
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झारखंड का जनजातीय समाज -- जेबी तुबिद
झारखंड का जनजातीय समाज एक स्वाभिमानी समाज है. पीढ़ियों से समाज ने अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़कर अपनी पहचान को अक्षुण्ण रखा है. प्रकृति ने उन्हें लड़ने की क्षमता दी है. साथ ही प्रकृति के साथ सामंजस्य कर जीवन बसर करने के अलौकिक गुण भी दिये हैं. सांस्कृतिक दृष्टि से समाज काफी धनी है. जनजातीय समाज अपनी दुनिया में जीता है एवं दूसरे समाज को अपने में समाविष्ट...
More »लॉ बोर्ड बने सकारात्मक संस्था- फिरोज बख्त अहमद
भारत में आज यदि मुस्लिमों की छवि में गिरावट आयी है, तो उसमें अन्य कारणों के अतिरिक्त एक मुख्य कारण है आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड. आये दिन जब भी मुस्लिम संप्रदाय के सर पर मीडिया द्वारा तलवार लटकायी जाती है एवं उनके वर्चस्व को मटियामेट किया जाता है, तो उसमें मुख्य भूमिका लॉ बोर्ड की होती है. इस बोर्ड के अधिकतर सदस्य कट्टरपंथी होते हैं. जिस तरह से...
More »लोक संसद की कल्पना-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
सफल लोकतंत्र के लिए समाज के हर स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति श्रद्धा का होना जरूरी है. यदि व्यक्ति, परिवार, जाति समूहों और प्रकृति के साथ हमारा लोकतांत्रिक संबंध नहीं होगा, तो फिर राज्य और सरकार के स्तर पर भी इसका होना संभव नहीं है. बलात्कार, भीड़ द्वारा हत्या, धर्म के नाम पर हिंसा, घरेलू हिंसा आदि में यदि बढ़ोतरी हो रही हो, तो फिर हमें समझना चाहिए कि...
More »ठोस कदमों से आयेगी स्वच्छता-- पवन के वर्मा
कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है कि हम सनकियों के राष्ट्र- एक ऐसा राष्ट्र और ऐसे नागरिक- तो नहीं, जो एक साथ एवं लगातार दो स्तरों पर जीते हुए दोनों के फर्क से भी अनजान हैं? मैं यह सवाल स्वच्छ भारत के उस राष्ट्रव्यापी अभियान के संदर्भ में उठा रहा हूं, जिसे वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बड़े कार्यक्रम के रूप में प्रारंभ किया गया था. नीयत के...
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