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गरीबों की कुर्की, अमीरों को ढील क्यों

बड़े कर्जदारों के मुद्दे पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा कि अमीर लोग करोड़ों का कर्ज लेकर खुद को दिवालिया घोषित कर देते हैं , लेकिन बैंक उन पर कार्रवाई नहीं करते। वहीं,गरीब किसान अगर मामूली सा कर्ज न चुकाए तो उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाती है। आरबीआई क्या कर रहा : मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर की...

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हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को आरक्षण विधेयक पारित

हरियाणा विधान सभा में चालू सत्र के दौरान हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण) विधेयक, 2016 पारित किया गया। हरियाणा पिछड़े वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण) अधिनियम, 2016 लागू करके पिछड़े वर्ग ब्लाक ‘ए', पिछड़े वर्ग ब्लॉक ‘बी' तथा पिछड़े वर्ग ब्लॉक ‘सी' को वैधानिक दर्जा देने के उद्देश्य से हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा यह विधेयक पेश किया...

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अविरलता बिना निर्मलता नहीं-- भरत झुनझुनवाला

देश के मुख्य न्यायाधीश प्रयाग संगम पर पूजा अर्चना करने गये तो पंडित ने दक्षिणा में गंगा की निर्मलता और अविरलता मांगी. मांग बिल्कुल सही है, चूंकि गंगा को निर्मल बनाने के लिए उसका अविरल बहना अनिवार्य है. गंगा जल में कुछ विशेष सुकीटाणु होते हैं, जो जहरीले कीटाणुओं को खा जाते हैं. इन्हें कालीफाज कहा जाता है. ये कालीफाज गंगा में प्रवेश करनेवाले सीवेज में विद्यमान हानिप्रद कीटाणुओं को...

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देर से मिला राहत भरा फैसला-- लक्ष्मीकांत चावला

जब आईपीसी में धारा 498-ए को शामिल किया गया था, तो समाज ने, विशेषकर वैसे परिवारों ने राहत महसूस की, जिनकी बेटियां दहेज के कारण ससुराल में पीड़ित थीं या निकाल दी गई थीं। लोगों को लगा कि विवाहिता बेटियों के लिए सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। इससे दहेज के लिए बहुओं को प्रताड़ित करने वालों परिवारों में भी भय का वातावरण बना। शुरू में तो कई लोग कानून...

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न्यायपालिका के सामने विश्वसनीयता का संकट : चीफ जस्टिस

इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 150 वें स्थापना दिवस समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि देश की न्यायिक व्यवस्था के सामने सबसे बड़ा सवाल विश्वसनीयता का है. बडी संख्या में लंबित मामलों के चिंता का विषय होने के बीच प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि कई मौकों पर मामलों के निस्तारण में बार का रवैया बहुत सहयोगात्मक नहीं रहता है...

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