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नई फसल के गेहूं निर्यात सौदे कम भाव पर

270 डॉलर प्रति टन पर सौदे हो रहे हैं अप्रैल-मई डिलीवरी गेहूं के 281.30 डॉलर प्रति टन तक का उच्च मूल्य मिला मौजूदा निर्यात में रबी गेहूं की नई फसल के निर्यात सौदे अप्रैल-मई डिलीवरी 270 डॉलर प्रति टन की दर से हुए हैं। नई फसल के गेहूं का निर्यात भाव मौजूदा मूल्य से कम है। सार्वजनिक कंपनियों द्वारा इस समय निर्यात सौदे...

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मक्का के दाम एमएसपी से भी 20% कम - आर एस राणा

निर्यात मांग कमजोर होने से किसानों को मजबूरन मक्का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 210-260 रुपये प्रति क्विंटल नीचे भाव पर बेचनी पड़ रही है। उत्पादक मंडियों में मक्का के दाम घटकर 1,050 से 1,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए है जबकि केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2013-14 के लिए मक्का का एमएसपी 1,310 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। अमेरिकी कृषि विभाग में भारत में प्रतिनिधि अमित सचदेव...

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गन्ने की कड़वाहट- अरविन्द कुमार सेन

जनसत्ता 30 नवंबर, 2013 : सियासत का हद से ज्यादा हस्तक्षेप किस तरह एक संगठित उद्योग को तबाही के कगार पर ला खड़ा करता है, गन्ना उद्योग इसकी मिसाल है। कुछ समय पहले सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस चुके मुजफ्फरनगर-शामली इलाके के लोगों को अब गन्ने के दाम की फिक्र सता रही है। आमतौर पर उत्तर प्रदेश में सरकार अगस्त-सितंबर में मिल मालिकों और किसानों से बातचीत करके आरक्षी क्षेत्र...

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गन्ना किसानों का कसूर- हरवीर सिंह

उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए एक बार फिर 1996-97 पेराई सीजन का माहौल बन रहा है। वह पहला साल था, जब राज्य की निजी चीनी मिलों ने गन्ना किसानों को राज्य सरकार द्वारा तय किया जाने वाला राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) देने से मना कर दिया था। चालू पेराई सीजन में भी चीनी मिलों ने साफ कर दिया है कि वे किसानों को 240 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक...

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खाद्य कानून की सफलता उत्पादन बढ़ाने पर निर्भर करती है: शरद पवार

नई दिल्ली। मंत्री शरद पवार ने आज इस बात से इन्कार किया कि खाद्य सुरक्षा कानून को लेकर उनकी कोई आपत्ति है। पर उन्होंने कहा कि देश में अनाज का उत्पादन बढा कर दुनिया के इस सबसे बड़े सामाजिक कल्याण कार्यक्रम को सफल बनाया जाना चाहिए न कि अनाज का आयात कर के। उन्होंने कहा कि चूंकि खाद्य सब्सिडी पर खर्च प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 1,000 रूपए तक पहुंच गया है...

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