पंजाब के कपास किसानों के लिए यह वर्ष भी तगड़ा मुनाफे वाला साबित हो रहा है क्योंकि कपास के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,800 रुपये प्रति क्विंटल से लगातार ऊपर बने हुए हैं। वजह यह है कि विभिन्न मंडियों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कपास की आवक कम हो रही है। इस वर्ष 11 अक्टूबर तक राज्य की मंडियों में कपास की आवक तकरीबन 28 फीसदी कम...
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अधिक एमएसपी के कारण बढ़ी गेहूं-चावल की कीमतें
नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को कुछ आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि की बात को स्वीकार किया, लेकिन साथ ही गेहूं और चावल की कीमतों में वृद्धि के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] को बढ़ाए जाने को जिम्मेदार ठहराया। लोकसभा में निशिकांत दुबे और कैलाश जोशी के प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री शरद पवार ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाए...
More »दाल से टूटता रोटी का नाता
नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...
More »फिर भी नहीं गलती दाल
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। जबर्दस्त समर्थन मूल्य और इसका तीन गुना बाजार मूल्य। फिर भी दलहन की खेती में दाल नहीं गल रही है। मांग व आपूर्ति के भारी अंतर कारण होने वाला जबर्दस्त मुनाफा भी किसानों को नहीं लुभा पा रहा है। पिछले पांच सालों में न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] दोगुना से अधिक बढ़ा है और बाजार मूल्य पांच गुना। लेकिन दलहन खेती के रकबे में मामूली वृद्धि हो पाई...
More »पीडीएस से सभी को सस्ता अनाज संभव नहीं
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सस्ते गल्ले की दुकानों से सबके लिए अनाज उपलब्ध कराने से सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है। विपक्ष की मांग को नकारते हुए कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार ने कहा कि सभी परिवारों को रियायती अनाज देने से खाद्य सब्सिडी बहुत बढ़ जाएगी, जिसका बोझ सरकार उठाने की हालत में नहीं है। सभी के लिए सस्ते गल्ले की दुकान यानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली [पीडीएस] से अनाज देने पर सरकार को 7...
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