कोरबा, नईदुनिया न्यूज। एक सरकारी प्राथमिक शाला जहां केवल एक छात्र है और उसे पढ़ाने के लिए रोज दो शिक्षक आते हैं। इसके अलावा दो अन्य कर्मचारी भी हैं। एक बच्चे के लिए 4 कर्मचारियों का स्टापᆬ काम कर रहा। पिछले चार साल से लगातार बच्चों की संख्या घटने के बाद यह नौबत आई है। लापरवाही की हद तो यह है कि वर्ष 2014-15 के दौरान शिक्षा विभाग ने इस स्कूल...
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अजब चिकनगुनियामय देश हमारा - मृणाल पांडे
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पुणे, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे कई बड़े शहर इन दिनों चिकनगुनिया, डेंगू और तमाम तरह की बरसाती पानी के जलभराव से उपजी महामारियों के शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में तिल धरने की जगह नहीं, घर-घर लोग तड़प रहे हैं और तमाम उपलब्ध सरकारी-गैरसरकारी अस्पताल नाकाफी साबित हो रहे हैं। अधिकतर बीमार शहरी मलिन बस्तियों के वे गरीब हैं, जो हर तरह की नागर सुविधा...
More »लहसुन की माला और नाड़े से कर रहे कुपोषण का इलाज!
खंडवा। सुमित अवस्थी। कम वजन के बच्चे, खांसी और बुखार से ग्रसित लेकिन डॉक्टरी इलाज की जगह झाड़-फूंक पर भरोसा। किसी बच्चे के गले में लहसुन की माला तो किसी के पीपल के पत्ते। किसी को मतरा हुआ पानी दिया जा रहा है तो कोई नाड़ा बांधे हुए है। पिछले 45 दिन में चार बच्चों की मौत के बाद भी कुपोषित बच्चों को न तो मां-बाप बाल शक्ति केंद्र ला...
More »किसानों के लिए कसना होगी कमर- मृणाल पांडे
मृणाल पांडे। किसान से लेकर सरकार और बाजार तक इस बार खुश हैं कि मानसून अच्छा है। किंतु किसानी का भविष्य एक ही अच्छे मानसून से आमूलचूल नहीं सुधर सकता। खेतिहरों के जीवन में लगातार विकास के लिए स्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, अनाज का बेहतर विपणन-भंडारण, मुनाफे के सही निवेश से जुड़ी कई तरह की मदद भी जरूरी होती है। किसानी को लाभ का सौदा बनाने की जिम्मेदारी आखिरकार राज्य...
More »सेहत की जांच कराने बीमार बच्चों को 10 किमी पैदल चलना पड़ा
जशपुरनगर, नईदुनिया न्यूज। डारमेटरी छात्रावास के 15 बच्चों को अपने स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए 10 किलोमीटर पदयात्रा करनी पड़ी। पैदल चलकर अस्पताल पहुंचने वाले कुछ बच्चे सर्दी, खासी और बुखार से पीड़ित थे। छात्रावास अधीक्षक का कहना है कि उन्होंने छात्रावास के बच्चों के बीमार होने और अस्पताल तक ले जाने में होने वाली दिक्कतों की लिखित जानकारी बीएमओ को दे दी थी, लेकिन स्वास्थ्य परीक्षण के लिए...
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