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कोरोना के हाथों मारे गए पत्रकारों में भारत की स्थिति चिंताजनक

क्या आप जानते हैं कि अबतक कितने पत्रकारों की जान कोविड महामारी के कारण जा चुकी है? स्विट्जरलैंड की मीडिया अधिकार और सुरक्षा से जुड़ी संस्थाय प्रेस एम्बलम कैम्पेन (PEC) ने कोरोना वायरस के चलते पत्रकारों की हुई मौत पर दुख जताते हुए एक बयान जारी किया है और बताया है कि दुनिया भर में हजार से ज्यादा पत्रकार कोरोना वायरस का शिकार हो चुके हैं और कुल 75 देशों...

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खनन का दंश झेल रही महिलाएं पर इसकी चर्चा तक नहीं होती

-न्यूजलॉन्ड्री, यह जगजाहिर है कि खनन की वजह से जमीन का ह्रास, रोजगार का संकट और जैव-विविधता पर बुरा असर हो रहा है. पर आस-पास रहने वाली महिलाएं भी इससे बुरी तरह से प्रभावित होती हैं, जिसकी चर्चा न के बराबर होती है. देश में 87 तरह के खनिज पाए जाते हैं और इनकी खनन में महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं. इनकी संख्या को देखते हुए ही 2019 में श्रम मंत्रालय...

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मई दिवस- मोदी सरकार ने कैसे भारत को एक भयानक संकट के बीच लाकर खड़ा कर दिया

-द प्रिंट, 1 मई को प्रकाशित इस स्तंभ का शीर्षक बिल्कुल संयोग से ऐसा बन गया है. यहां शब्दों का कोई खेल करने का इरादा नहीं है. बदकिस्मती से भारत आज जिस संकट में फंस गया है उसका बयान इसी तरह किया जा सकता है. वह ऑक्सीजन से लेकर एन-95 मास्क तक और ऑक्सीमीटर से लेकर वैक्सीन तक तमाम चीजों के लिए बड़े देशों से मदद मांग रहा है. और ये...

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कुंभ 2021: क्या नेताओं के लिए ग्रहों की चाल आम ज़िंदगियों से ज़्यादा महत्वपूर्ण है

-द वायर, कुंभ मेला हर बारह साल पर होता है. हरिद्वार का पिछला कुंभ 2010 में हुआ था. हरिद्वार के वर्तमान कुंभ मेले की वास्तविक तारीख 2022 थी, 2021 नहीं. फिर इसकी तारीख को पूरे एक साल घटाकर इसका आयोजन उस जानलेवा साल में क्यों हुआ, जब भारत में कोविड की दूसरी लहर की आशंका जताई जा रही थी, और जब महामारियों के अध्ययन हमें बताते हैं कि संक्रमणों की दूसरी लहर हमेशा...

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जच्चा-बच्चा सर्वे: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं का एक बड़ा हिस्सा अभी भी मातृत्व लाभ से वंचित है

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 मातृत्व लाभ के लिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 6,000 रुपए/ - प्रति बच्चा की गारंटी देता है. इस अधिनियन में वह शामिल नहीं हैं, जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ या अन्य कानूनों के तहत नियमित रोजगार में रहते हुए इस तरह के लाभ उठा रहे हैं. एनएफएसए-2013 भी कानूनी...

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